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उत्तर प्रदेश में किसानों से सीधे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों से सीधे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नई योजनाएं बनाई हैं। गौतमबुद्धनगर के बाद, यमुना प्राधिकरण अब बुलंदशहर, मथुरा और आगरा में भूमि बैंक स्थापित कर रहा है। यह कदम न्यू अर्बन सेंटर और हेरिटेज सिटी की स्थापना को गति देगा। जानें कैसे यह प्रक्रिया विकास को तेजी से आगे बढ़ाएगी और किसानों के साथ समझौते की प्रक्रिया कैसे चल रही है।
 

भूमि अधिग्रहण की नई पहल


उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश सरकार अब किसानों से सीधे भूमि अधिग्रहण करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, या एयरपोर्ट/रेलवे परियोजनाओं पर तेजी से कार्य किया जाना है। गौतमबुद्धनगर के बाद, यमुना प्राधिकरण अब बुलंदशहर, मथुरा और आगरा में भी भूमि बैंक स्थापित कर रहा है। इसका उद्देश्य आगरा में न्यू अर्बन सेंटर और मथुरा में हेरिटेज सिटी की स्थापना को गति देना है। भूमि अधिग्रहण को तेज करने के लिए प्राधिकरण सीधे किसानों से भूमि खरीदेगा। मथुरा में एक क्षेत्रीय कार्यालय भी खोला गया है, जो विकास और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करेगा। 


भूमि बैंक बनाने की योजना

यमुना प्राधिकरण की नई योजना

यमुना प्राधिकरण अब बुलंदशहर, मथुरा और आगरा में भूमि बैंक बनाने की योजना बना रहा है। यीडा योजनाओं को गति देने के लिए सीधे तीनों जिलों के किसानों से भूमि खरीदी जाएगी। मथुरा में हेरिटेज सिटी और आगरा में न्यू अर्बन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। यमुना विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में छह जिले शामिल हैं, जिनमें 1149 गांव हैं। इनमें गौतमबुद्धनगर के अलावा बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, मथुरा और हाथरस शामिल हैं। विकास कार्य पहले फेज में गौतमबुद्धनगर में चल रहे थे।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

अब नए फेज में आगरा और मथुरा में भूमि बैंक बनाने का कार्य शुरू हो गया है। अधिसूचित क्षेत्र की भूमि पर कब्जा करना या गलत तरीके से भूमि खरीदना गैरकानूनी होगा। इसके लिए प्राधिकरण किसानों से सीधे भूमि खरीदेगा। इस संबंध में किसानों से समझौता करने का कार्य प्रारंभ हो चुका है।


सीधे भूमि खरीदने का कारण

सीधे खरीदने का लाभ

जिला प्रशासन से भूमि प्राप्त करने में समय लगता है, जबकि किसानों से सीधे भूमि खरीदने में कुछ ही महीने लगते हैं। इससे नए शहरों में विकास की योजना जल्दी बनाई जा सकेगी।


भूमि खरीदने की प्रक्रिया

भूमि खरीदने की योजना

2024 में, शासन ने यीडा के मास्टर प्लान 2041 में बुलंदशहर के 55 गांवों को शामिल किया। यीडा शहर के सेक्टर-4ए और 5ए कुछ गांवों की भूमि पर विकसित किए जाएंगे। यहां जापानी और कोरियन शहरों का निर्माण किया जाएगा। किसानों से सहमति लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन मुआवजा दर निर्धारित न होने के कारण भूमि खरीदने का कार्य रुका हुआ था। यीडा ने इन गांवों के किसानों को हाल ही में 4300 रुपये प्रति बीघा और 3800 रुपये का मुआवजा दिया है।


यीडा का मथुरा कार्यालय

नया कार्यालय खोला गया

यमुना प्राधिकरण ने मंगलवार को गीता शोध संस्थान में एक क्षेत्रीय कार्यालय खोला। इस कार्यालय का उद्घाटन सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने किया। यह कार्यालय मथुरा क्षेत्र में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी और अन्य विकास कार्यों की प्रक्रिया को तेज करने के लिए खोला गया है।

कार्यालय में हेरिटेज सिटी की विशेषताओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सीईओ ने गीता शोध संस्थान को प्राधिकरण से पांच लाख रुपये देने की घोषणा की, जो सांस्कृतिक नृत्य कला को विकसित करेगा। इस अवसर पर एसीईओ नगेन्द्र प्रताप, एसीईओ कपिल सिंह, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, डीजीएम राजेंद्र भाटी आदि उपस्थित थे।