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उत्तर प्रदेश में ट्रांसफार्मर विवाद: मंत्री को खुद करना पड़ा कार्यवाही

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बिजली विभाग की लापरवाही ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। जब एक गांव का ट्रांसफार्मर 20 दिनों से खराब पड़ा रहा, तो मंत्री सुरेश राही को खुद मौके पर आकर कार्यवाही करनी पड़ी। इस घटना ने विभाग की असंवेदनशीलता को उजागर किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और मंत्री की प्रतिक्रिया के बारे में।
 

उत्तर प्रदेश में ट्रांसफार्मर विवाद

उत्तर प्रदेश ट्रांसफार्मर विवाद: सीतापुर जिले में बिजली विभाग की लापरवाही एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। इस बार, राज्य सरकार के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही को अपने विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसफार्मर हटाने के लिए खुद मौके पर आना पड़ा।


यह मामला हरगांव क्षेत्र का है, जहां पिछले 20 दिनों से एक गांव का ट्रांसफार्मर खराब पड़ा था। ग्रामीण अंधेरे में थे और लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः मंत्री सुरेश राही ने JE रमेश मिश्रा को फोन किया, जिन्होंने कहा, 'आप खुद आकर ट्रांसफार्मर उतार लें।'




मंत्री का असभ्य जवाब पर गुस्सा


इस असभ्य जवाब से नाराज होकर मंत्री राही ने ऊर्जा निगम की MD रिया केजरीवाल को फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया। इसके बाद मंत्री खुद मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों तथा कार्यकर्ताओं की मदद से रस्सी के सहारे ट्रांसफार्मर उतारा। इसके बाद वे पावर हाउस पहुंचे और धरने पर बैठ गए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।


लापरवाही की घटनाएं उजागर


जब यह मामला ऊर्जा मंत्री एके शर्मा तक पहुंचा, तो उन्होंने तुरंत UPPCL चेयरमैन आशीष गोयल और MVVNL की MD रिया केजरीवाल को तलब किया। ऊर्जा मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि जब एक मंत्री की बात नहीं सुनी जा रही, तो आम जनता का क्या हाल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में कई बार लापरवाही की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन जवाबदेही तय नहीं हो पा रही है।


बिजलीकर्मियों को चेतावनी


इसके तुरंत बाद JE रमेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया। ऊर्जा मंत्री ने एक्स पर लिखा कि मंत्री के साथ असभ्य व्यवहार, कार्य में शिथिलता और संवेदनहीनता अक्षम्य है। उन्होंने सभी बिजलीकर्मियों को चेतावनी दी कि यदि जनप्रतिनिधियों और जनता के साथ असभ्य व्यवहार हुआ, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।