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उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश से जनजीवन प्रभावित

उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। प्रयागराज से सहारनपुर तक, जलभराव के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की फसलों पर संकट मंडरा रहा है, और मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। जानें किन जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है और गंगा नदी का जलस्तर कैसे बढ़ रहा है।
 

उत्तर प्रदेश में मानसून का असर

UP Monsoon: उत्तर प्रदेश में वर्तमान में मानसूनी बारिश ने लोगों के जीवन को कठिन बना दिया है। प्रयागराज से सहारनपुर तक, बारिश ने जीवन की गति को धीमा कर दिया है। जलभराव के कारण गांवों, कस्बों और शहरों में चलने में कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, नदी-नालों और तालाबों का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है।


किसानों के लिए संकट

कई स्थानों पर बारिश राहत के बजाय समस्या बन गई है। किसानों की फसलों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, और सब्जियों की फसलें बर्बादी के कगार पर हैं। रामगंगा नदी के किनारे खड़ी गन्ने की फसलें भी खतरे में हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आज पूरे दिन बारिश जारी रहने की संभावना है। बुधवार को 28 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।


रेड अलर्ट की घोषणा

रेड अलर्ट जारी 

मौसम विभाग ने कुछ जिलों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के अनुसार, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और पीलीभीत में यह अलर्ट लागू किया गया है। इसके अलावा, शाहजहांपुर और आस-पास के क्षेत्रों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।


ऑरेंज अलर्ट वाले जिले

इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

आईएमडी के अनुसार, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई और फर्रुखाबाद में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इसके अलावा, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, अमरोहा और संभल में भी बारिश की संभावना है। बदायूं और आस-पास के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश लोगों के लिए समस्या बन सकती है।


येलो अलर्ट की जानकारी

यहां के लिए येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, कन्नौज और बाराबंकी में येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, बागपत, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर और अलीगढ़ में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इन क्षेत्रों में गरज और बिजली गिरने की भी संभावना है।


गंगा नदी का जलस्तर

गंगा नदी का बढ़ता जलस्तर

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।