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उत्तरकाशी में बादल फटने से आई तबाही: 60 लोग लापता

उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की एक गंभीर घटना ने क्षेत्र में तबाही मचा दी है। धराली गांव में अचानक आई बाढ़ से लगभग 60 लोग लापता हो गए हैं। मलबा और बाढ़ का पानी कई घरों और दुकानों में घुस गया है, जिससे भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, जबकि स्थानीय पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक गंभीर घटना घटित हुई है। धराली गांव में अचानक बादल फटने से खीरगाड़ का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। भारी मलबा पहाड़ से बहकर धराली कस्बे की ओर आ गया, जिससे कई घरों को नुकसान पहुँचा। इस स्थिति ने क्षेत्र में तबाही का माहौल बना दिया।


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

इस प्राकृतिक आपदा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें केवल 20 सेकंड में तबाही का दृश्य स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। लोग भयभीत होकर चिल्लाते हुए नजर आ रहे हैं। अचानक आई इस आपदा ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है।


लापता लोगों की संख्या

इस घटना में लगभग 60 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। मलबा और बाढ़ का पानी कई घरों और होटलों में घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है। पानी के साथ मलबे ने धराली बाजार क्षेत्र की कई दुकानों को भी प्रभावित किया है। स्थानीय लोग अपने परिजनों की खोज में परेशान हैं।


राहत और बचाव कार्य

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। भटवाड़ी से एसडीआरएफ की टीम तुरंत धराली के लिए रवाना हुई। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुँच गए। बचाव दल ने सबसे पहले फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का कार्य प्रारंभ किया।


पुलिस की अपील

उत्तरकाशी पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि खीरगाड़ का जलस्तर बढ़ने से धराली में नुकसान की सूचना मिली है और एसडीआरएफ व सेना मौके पर मौजूद हैं। पुलिस ने स्थानीय निवासियों से नदी-नालों के पास न जाने और अपने बच्चों व मवेशियों को सुरक्षित दूरी पर रखने का आग्रह किया है।


स्थानीय व्यापारियों को नुकसान

बाढ़ और मलबे ने धराली बाजार क्षेत्र में भारी नुकसान पहुँचाया है। कई दुकानों में पानी घुस गया है, जिससे सामान बर्बाद हो गया है। सड़कें और रास्ते मलबे से भरे हुए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। स्थानीय व्यापारियों को लाखों रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।