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उत्तराखंड में बादल फटने की अफवाहें: बाढ़ का असली कारण क्या है?

उत्तराखंड में हाल ही में आई बाढ़ ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है, खासकर उत्तरकाशी के धराली में। प्रारंभ में बादल फटने को इसका कारण बताया गया, लेकिन मौसम विभाग ने इस दावे को खारिज कर दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बाढ़ का असली कारण एक झील का टूटना या ग्लेशियर का तेजी से पिघलना हो सकता है। जानिए इस आपदा के पीछे की सच्चाई और मौसम विभाग की रिपोर्ट में क्या कहा गया है।
 

उत्तराखंड में बाढ़ का मंजर

उत्तराखंड में बाढ़: हाल ही में उत्तराखंड में हुई बारिश ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई। सबसे अधिक नुकसान उत्तरकाशी के धराली में देखा गया, जहां खीर गंगा नदी में अचानक बाढ़ आई। यह प्राकृतिक आपदा कई लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई है। सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए सभी प्रयास किए हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों में बादल फटने को इस आपदा का कारण बताया गया, लेकिन देहरादून मौसम विभाग ने इस दावे को खारिज कर दिया है और इस संबंध में एक रिपोर्ट दिल्ली भेजी है।


बादल फटने की घटना नहीं हुई

बादल नहीं फटा था

देहरादून मौसम विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि मंगलवार को उत्तरकाशी में कहीं भी बादल फटने की घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इस दिन केवल 30 से 40 मिमी बारिश हुई, जबकि आमतौर पर बादल फटने पर एक घंटे में 100 मिमी बारिश होती है। इस प्रकार, उत्तरकाशी में केवल हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ का कारण कुछ और हो सकता है।


बाढ़ के संभावित कारण

बाढ़ का असली कारण क्या हो सकता है?

मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है, जिसमें यह संदेह जताया गया है कि उत्तरकाशी के ऊपरी क्षेत्र में एक झील बन गई है। यह संभव है कि झील के टूटने से बाढ़ आई हो। इसके अलावा, ऊपरी क्षेत्रों में कई ग्लेशियर हैं, और यह भी हो सकता है कि कोई ग्लेशियर अचानक तेजी से पिघल गया हो, जिससे पानी नीचे आ गया और धराली में तबाही मच गई।