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एनएचएम कर्मचारियों का दो घंटे का कार्य बहिष्कार, वेतन की मांग

जींद में एनएचएम कर्मचारियों ने चार महीने से बकाया वेतन के खिलाफ दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही वेतन जारी नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। इस दौरान कर्मचारियों ने अपने कार्यस्थल पर धरना दिया और अपनी मुख्य मांगों को उठाया। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और कर्मचारियों की मांगों के बारे में।
 

एनएचएम कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन


  • सरकार चार महीनों से एनएचएम कर्मचारियों का वेतन नहीं दे रही है


जींद। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला इकाई ने मुख्यमंत्री को सिविल सर्जन के माध्यम से ज्ञापन भेजा है, जिसमें चार महीने से बकाया वेतन का भुगतान न होने पर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। इसी के तहत, कर्मचारियों ने मंगलवार को दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया और अपने कार्य स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया।


बकाया वेतन की मांग

जितेंद्र वत्स, प्रदेश संगठन मंत्री ने बताया कि सभी एनएचएम कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार किया है। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी ने धरना दिया और बकाया वेतन की मांग की। इस कारण मरीजों को दो घंटे इंतजार करना पड़ा। उन्होंने सरकार से अपील की कि एनएचएम कर्मचारियों के इस सांकेतिक आंदोलन को हल्के में न लें और जल्द से जल्द वेतन जारी करें।


अनुशासित आंदोलन का इतिहास

हरियाणा के एनएचएम कर्मचारी पहले भी अनुशासित तरीके से लंबे आंदोलन कर चुके हैं और अधिकारियों को झुका चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे आर्थिक और मानसिक शोषण के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे। इस चरणबद्ध आंदोलन के तहत 14 अगस्त तक पूरे प्रदेश में दो घंटे का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।


मुख्य मांगों पर ध्यान देने की आवश्यकता

यदि सरकार ने वेतन जारी नहीं किया, तो संघ की प्रदेश समिति की बैठक बुलाकर आगामी आंदोलन की योजना बनाई जाएगी। कर्मचारियों ने बताया कि उनकी मुख्य मांगें नियमतिकरण, सेवा सुरक्षा, ग्रेच्युटी, अर्जित अवकाश और मेडिकल अवकाश हैं। विभाग द्वारा वेतन रोकने का प्रयास निंदनीय है। इस अवसर पर कई कर्मचारी उपस्थित रहे।