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कर्नाटक में राजस्व विभाग की सेवाएं अब डिजिटल, नागरिकों को मिलेगी सुविधा

कर्नाटक के राजस्व विभाग ने अपनी सभी सेवाओं को डिजिटल बनाने का निर्णय लिया है, जिससे नागरिकों को सरकारी कार्यों के लिए कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम 'ई-गवर्नेंस' और 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। अब भूमि रिकॉर्ड, जाति प्रमाण पत्र, और अन्य सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इससे प्रक्रियाएं तेज़ और पारदर्शी होंगी, और नागरिकों को अधिक सुविधा मिलेगी। जानें इस नई पहल के बारे में और कैसे यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
 

बेंगलुरु से आई नई डिजिटल पहल

राजस्व विभाग ने बेंगलुरु से एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। आम जनता की सुविधा और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, विभाग ने अपनी सभी सेवाओं को 'डिजिटल डिलीवरी' के तहत लाने का निर्णय लिया है। इसका अर्थ है कि अब नागरिकों को राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों के लिए सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी कर सकेंगे।


क्या बदलाव आएगा? यह कदम 'ई-गवर्नेंस' और 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। अब राजस्व विभाग से मिलने वाले प्रमाण पत्र, दस्तावेज़ और अन्य सेवाएं पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होंगी। इससे कागजी कार्य और कार्यालयों में भीड़भाड़ कम होगी, और प्रक्रियाएं अधिक तेज़ और पारदर्शी बनेंगी।


डिजिटल डिलीवरी का महत्व क्या है? यह नागरिकों के लिए कई लाभ लेकर आएगा: सुविधा, पारदर्शिता, तेज़ प्रक्रिया, दस्तावेज़ों की सुरक्षा, और पर्यावरण के लिए अनुकूलता।


कौन-कौन सी सेवाएं प्रभावित होंगी? राजस्व विभाग कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है, जैसे भूमि रिकॉर्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि। अब ये सभी सेवाएं पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। नागरिकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा और वे अपने प्रमाण पत्र या दस्तावेज़ डिजिटल रूप से प्राप्त कर सकेंगे।


यह कदम कर्नाटक सरकार की नागरिकों को आधुनिक और कुशल सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे लोगों का समय बचेगा, परेशानी कम होगी और सरकारी सेवाओं तक उनकी पहुंच बेहतर होगी। यह भारत को एक 'डिजिटल' और 'पारदर्शी' देश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।