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किसानों ने धरना समाप्त किया, सरकार ने मांगे मानी

किसानों ने 23 दिनों तक चले धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जब सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया। नायब तहसीलदार की शक्तियों में वृद्धि की गई है, लेकिन किसानों के खातों में केवल 40% राशि आई है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जानें इस मामले में और क्या हुआ और किसानों की समस्याएं क्या हैं।
 

किसानों का धरना 23वें दिन समाप्त


  • किसानों ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया, नायब तहसीलदार की शक्तियों में वृद्धि की गई


Charkhi Dadri News - प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने नायब तहसीलदार की शक्तियों को बढ़ाने और बाजरा उत्पादक किसानों के लिए भावांतर राशि शुरू करने के निर्णय के बाद, भाकियू और अधिवक्ता संघ ने उपमंडल के तहसील कार्यालय में चल रहे धरने को 23वें दिन समाप्त करने का निर्णय लिया। किसानों ने एसडीएम आशीष सांगवान को अपना मांगपत्र सौंपा।


किसानों के खातों में केवल 40% राशि आई

भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा और अधिवक्ता संघ अध्यक्ष एडवोकेट संजीव श्योराण की अध्यक्षता में धरना 23वें दिन में प्रवेश कर गया। एसडीएम आशीष सांगवान ने किसानों को बताया कि राजस्व विभाग ने स्थानीय नायब तहसीलदार साहिल दलाल की शक्तियों को बढ़ाने का आदेश जारी किया है। हालांकि, किसानों के खातों में केवल 40% राशि आई है, जिससे असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।


किसानों ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया, क्योंकि एसडीएम ने उनकी मांगों को लेकर उपायुक्त और वित्तायुक्त कार्यालय से संपर्क करने का आश्वासन दिया।


सरकार ने मांगे मानी, धरना समाप्त

भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा ने कहा कि पिछले चार महीनों से तहसीलदार का पद रिक्त था, जिससे किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन बाढड़ा उपमंडल के साथ भेदभाव कर रहा है।


किसानों ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया, क्योंकि प्रशासन ने उनकी कुछ मांगों को पूरा किया।


किसानों को क्रेडिट कार्ड और भूमि रजिस्ट्री में समस्याएं

किसानों ने बताया कि नवंबर में एक भी किसान का क्रेडिट कार्ड या भूमि रजिस्ट्री नहीं हो पाई है, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की निष्क्रियता के कारण किसानों को धरना देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।