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कोटा के हॉस्टल में कोबरा का आतंक, स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू

कोटा के एमबीएस और जेके लोन अस्पताल के पीजी हॉस्टल में एक काले कोबरा ने दहशत फैला दी। जब एक रेजिडेंट डॉक्टर वॉशरूम में गए, तो उन्होंने सांप की फुफकार सुनी। डॉक्टरों ने उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। अंततः स्नेक कैचर ने मौके पर पहुंचकर कोबरा को सुरक्षित रूप से पकड़ा और जंगल में छोड़ दिया। यह घटना हॉस्टल में रह रहे सभी के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती थी।
 

कोबरा का खौफनाक मंजर

कल्पना कीजिए, सुबह-सुबह जब आप वॉशरूम में जाएं और दरवाजा खोलते ही एक काला कोबरा आपके सामने फन फैलाए बैठा हो। यह डरावना दृश्य कोटा के एमबीएस और जेके लोन अस्पताल के पीजी हॉस्टल में देखने को मिला। एक रेजिडेंट डॉक्टर जब वॉशरूम में गए, तो अचानक जोरदार फुफकार सुनाई दी, जिससे पूरे हॉस्टल में दहशत फैल गई।


घटना का विवरण

यह घटना कोटा के नयापुरा क्षेत्र में देर रात हुई। एमबीएस और जेके लोन अस्पताल के परिसर में स्थित पीजी हॉस्टल के वॉशरूम के कमोड से लगभग पांच फीट लंबा काला कोबरा बाहर आया और वहीं फन फैलाकर बैठ गया। जब डॉक्टर मुदित शर्मा वॉशरूम में गए, तो कोबरा ने तेज फुफकार मारी, जिससे डॉक्टर घबरा गए और तुरंत बाहर निकल आए।


डॉक्टरों की कोशिशें

कोबरा को देखकर हॉस्टल में खौफ का माहौल बन गया। कुछ डॉक्टरों ने साहस जुटाकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। सांप की आक्रामकता ने उन्हें और डरा दिया, जिसके बाद उन्होंने स्नेक कैचर को बुलाने का निर्णय लिया।


स्नेक कैचर का रेस्क्यू

स्नेक कैचर गोविंद शर्मा मौके पर पहुंचे और पूरी स्थिति का आकलन किया। कोबरा को वॉशरूम से बाहर निकालना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने सावधानी से और कई प्रयासों के बाद उसे सुरक्षित रूप से पकड़ लिया। बाद में, उसे लाडपुरा के जंगल में छोड़ दिया गया और वन विभाग को भी इसकी सूचना दी गई।


हॉस्टल में राहत

जैसे ही कोबरा को बाहर निकाला गया, हॉस्टल में रह रहे डॉक्टरों और छात्रों ने राहत की सांस ली। सभी ने माना कि अगर समय पर सांप को नहीं पकड़ा जाता, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। बताया गया है कि अस्पताल परिसर के आसपास घनी झाड़ियां और पेड़ हैं, जिससे अक्सर सांप और अन्य जंगली जानवर यहां पहुंच जाते हैं।