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ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक विकास के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

ग्रेटर नोएडा के नए औद्योगिक क्षेत्र-16 में भूमि आवंटन और सड़क निर्माण में बाधाएं आ रही हैं, क्योंकि किसान मुआवजा दर को लेकर असंतुष्ट हैं। प्राधिकरण ने अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का विकास संभव हो सके। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है और कैसे यह क्षेत्र के विकास को प्रभावित कर रहा है।
 

ग्रेटर नोएडा में भूमि आवंटन की समस्या

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के नए औद्योगिक क्षेत्र-16 में कंपनियों को भूमि आवंटित करने और सड़क निर्माण में बाधाएं आ रही हैं। किसानों का कहना है कि वे भूमि देने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि मुआवजा दर बाजार मूल्य से काफी कम है। इस स्थिति के कारण सड़क, बिजली और पेयजल पाइपलाइन जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के कार्यों में रुकावट आ रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अनिवार्य अधिग्रहण के तहत शेष भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।


औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्य

औद्योगिक सेक्टर में ये काम होंगे शुरू


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, ग्रेनो सेक्टर-16 में भूमि अधिग्रहण के बाद, क्षेत्र के चारों ओर 60 और 80 मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण, पेयजल पाइपलाइन और बिजली सबस्टेशन सहित अन्य आवश्यक कार्य किए जाएंगे। यह क्षेत्र इकोटेक-16 प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आने वाले सुनपुरा, खेड़ी और धूममानिकपुर गांवों की लगभग 112 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा है। इसमें सुनपुरा गांव की 20.48 हेक्टेयर, खेड़ी गांव की 6.9 हेक्टेयर और धूममानिकपुर गांव की 18.05 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इस सेक्टर के कुल 7 प्लॉट में से 25-25 एकड़ के दो प्लॉट अवादा कंपनी को आवंटित किए गए हैं।


किसानों की अनिच्छा

किसान जमीन देने को नहीं हैं तैयार


प्राधिकरण के अनुसार, सेक्टर की सभी भूमि अभी तक अधिग्रहित नहीं हुई है। किसान भूमि देने के लिए सहमत नहीं हैं क्योंकि मुआवजा दर बाजार दर से बहुत कम है। इस कारण सड़क, बिजली और पेयजल पाइपलाइन जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के कार्यों में कठिनाई हो रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए प्राधिकरण शेष भूमि का अनिवार्य अधिग्रहण करेगा।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, शेष भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इसके लिए अनिवार्य अधिग्रहण का सहारा लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अब तक प्रभावित किसानों की सहमति से 38.1053 हेक्टेयर भूमि खरीदी जा चुकी है। सड़क के हिस्से की भूमि प्राधिकरण के कब्जे में न होने के कारण सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।