चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति पर भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया
बीजिंग में सैन्य परेड का आयोजन
बीजिंग ने बुधवार को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के 80 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया। इस आयोजन में लगभग दो दर्जन विदेशी नेता शामिल हुए, जो अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव के बीच चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए आए थे। इस परेड में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति जैसे प्रमुख अतिथि शामिल थे। दक्षिण पूर्व एशिया के कई नेता भी इस भव्य समारोह का हिस्सा बने। इस आयोजन ने चीन की आधुनिक सैन्य शक्ति और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं का अद्भुत प्रदर्शन किया।
चीन ने अपने आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया
चीन ने इस परेड में अपने जेट लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हार्डवेयर सहित कई आधुनिक हथियारों का पहली बार सार्वजनिक प्रदर्शन किया।
इस परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अन्य देशों के 26 विदेशी नेताओं ने भाग लिया। भारत के पड़ोसी देशों के नेताओं में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू शामिल थे। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया।
किम जोंग उन की बीजिंग यात्रा
इस परेड में द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ मनाई गई। किम जोंग उन अपनी बेटी किम जू ए के साथ मंगलवार रात को ट्रेन से बीजिंग पहुंचे। यह उनकी 2019 के बाद से दूसरी यात्रा है और उत्तर कोरिया और चीन के बीच बढ़ती दरार की अफवाहों के बीच यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बीजिंग में शी, पुतिन और किम की उपस्थिति
बीजिंग में शी, पुतिन और किम की एक साथ उपस्थिति को अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक कड़ा संदेश भेजने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यह मुलाकात तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन के बाद हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शी और पुतिन के साथ बैठकें चर्चा में रहीं।
चीन के प्रतिरोध युद्ध की स्मृति में आयोजित परेड
इस परेड में विदेशी नेताओं की उपस्थिति ने जापान और चीन के बीच कूटनीतिक विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि तोक्यो ने विश्व नेताओं से इसमें भाग न लेने का आग्रह किया था। चीन ने इस अनुरोध के खिलाफ कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया है।
चीनी सेना का आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन
बीजिंग ने ऐतिहासिक तियानमेन चौक पर इस आयोजन के लिए पूरी तैयारी की है। चीनी सेना, जो अपने हथियारों को लेकर अक्सर गोपनीयता बरतती है, ने पहली बार अपने अत्याधुनिक हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन किया है।