तेजस्वी यादव ने मोदी पर मां को गाली देने का आरोप लगाया
बिहार में सियासी विवाद बढ़ा
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां के खिलाफ अपशब्द कहने के मामले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि किसी की मां को अपशब्द कहना गलत है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाए गए और उन्हें मां-बहन की गालियां दी गईं, तब पीएम मोदी कहां थे?
तेजस्वी यादव ने कहा कि मां का नाम सुनते ही एक सुकून मिलता है। जो बेजुबान हैं, उनकी भी मां होती है। किसी को भी किसी की मां, बहन या बेटी के प्रति अपशब्द नहीं बोलने चाहिए। सभी जीव-जंतु और इंसान मां की संतान हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी की मां को अपशब्द कहने के पक्षधर नहीं हैं। पीएम मोदी से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि जब भाजपा के नेता महिलाओं का अपमान करते हैं, तब पीएम क्यों चुप रहते हैं?
तेजस्वी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी जी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध करने वाले प्रज्वल रेवन्ना का प्रचार करते हैं, तो यह मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक है। अगर मोदी जी किसी की मां को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहते हैं, तो यह वाहवाही का विषय है!
तेजस्वी ने आगे कहा कि मोदी जी ने साहसी प्रधानमंत्री की पत्नी और नेता प्रतिपक्ष की मां को विधवा और जर्सी गाय कहा, तो लोग इसे शानदार भाषण मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब जेडीयू के लोग पीएमओ को रिपोर्ट भेजते हैं, तो क्या उनकी रिपोर्ट आई है?
तेजस्वी ने कहा कि हाल ही में बिहार विधानसभा में मोदी जी के सचेतक ने उनकी मां को गाली दी, और मोदी जी ने उसकी पीठ थपथपाई। जब एक बीजेपी नेता ने उनकी प्रवक्ता को साड़ी उतारने की धमकी दी, तो मोदी जी ने उसे सम्मानित किया।
तेजस्वी ने कहा कि दिलीप जायसवाल, जो पहले गालियों की दुकान होने का दावा कर चुके हैं, अब टेसू बहा रहे हैं। मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का मामला भी उठाया।
उन्होंने कहा कि बिहारियों को गुजरात में गालियां दी जाती हैं, लेकिन पीएम चुप रहते हैं। बेरोजगारों और युवाओं को लाठी से पीटा जाता है, तब भी उनकी आवाज नहीं उठती। किसान आंदोलन में हजारों किसान मारे गए, लेकिन तब भी पीएम का कोई बयान नहीं आया। यह सब दोहरे चरित्र का उदाहरण है। मां तो मां होती है।