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दिल्ली में हुंडई i20 धमाके के बाद Session App की चर्चा

दिल्ली में 10 नवंबर को हुंडई i20 में हुए धमाके ने 13 लोगों की जान ले ली। इस घटना में एक ऐप, Session App, की भूमिका सामने आई है, जो आतंकियों के बीच संचार का माध्यम बन रही है। जानें इस ऐप की विशेषताएँ, अकाउंट बनाने की प्रक्रिया और इसके पीछे के व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के बारे में।
 

दिल्ली में धमाका: एक गंभीर घटना

नई दिल्ली: 10 नवंबर, यानि 10/11 का दिन दिल्ली में एक महत्वपूर्ण घटना के लिए याद किया जाएगा। इस दिन लाल किले के निकट एक हुंडई i20 में एक भयंकर विस्फोट हुआ, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। धमाका इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी। आस-पास की इमारतों पर भी इसका असर देखा गया।


जांच में Session App का नाम

जांच एजेंसियों के अनुसार, विस्फोट में इस्तेमाल की गई हुंडई i20 में आतंकी डॉक्टर उमर नबी उर्फ उमर मोहम्मद मौजूद था। इस मामले में एक ऐप, Session App, की चर्चा हो रही है। इस ऐप के माध्यम से उमर अपने विदेशी संपर्कों से जुड़ा हुआ था। यह जानकर लोगों के मन में सवाल उठता है कि यह ऐप क्या है और यह कैसे कार्य करती है।


Session App की विशेषताएँ

Session App क्या है?

इंटरनेट पर खोजने पर हमें Session नामक एक प्राइवेट मैसेंजर ऐप मिली। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई केंद्रीय सर्वर नहीं होता, जिससे आपकी चैट या डेटा किसी एक स्थान पर संग्रहित नहीं होता। यहां की गई बातचीत को कोई नहीं जान सकता। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।

Session App India Daily Live Play Store & App Store


अकाउंट बनाने की प्रक्रिया

कैसे बनाते हैं इस ऐप पर अकाउंट:

इस ऐप पर अकाउंट बनाने के लिए फोन नंबर या ईमेल आईडी की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इसे ट्रैक करना कठिन हो जाता है। कंपनी का दावा है कि यह न तो यूजर का डेटा बेचती है और न ही किसी के साथ साझा करती है। इस कारण से, इसे गुप्त बातचीत के लिए उपयोग किया जा सकता है।


व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का संबंध

सूत्रों के अनुसार, उमर का संपर्क तुर्की की राजधानी अंकारा में उसके हैंडलर से था, जिसका कोडनेम UKasa था। दोनों के बीच बातचीत के लिए Session App का उपयोग किया जाता था। रिपोर्ट्स के अनुसार, मार्च 2022 में कुछ लोग भारत से अंकारा गए थे, जो इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।

आखिर क्या है व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल?

इस मामले को व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से जोड़ा जा रहा है। यह एक ऐसा आतंकी नेटवर्क है जिसमें शिक्षित, पेशेवर और समाज में प्रतिष्ठित लोग शामिल होते हैं। इसमें डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेसर जैसे लोग शामिल हैं, जो अपनी विशेषज्ञता का गलत इस्तेमाल करके आतंक फैलाने में मदद करते हैं।