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नेपाल में युवा पीढ़ी का भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन

नेपाल की राजधानी काठमांडू में युवा पीढ़ी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर सरकार को चुनौती दी है। इस आंदोलन का कारण बड़े राजनीतिक दलों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप हैं। प्रशासन ने कर्फ्यू जैसे सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन युवाओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। जानें इस स्थिति के पीछे की पूरी कहानी और युवाओं की आवाज़।
 

काठमांडू में तनावपूर्ण माहौल

नेपाल की राजधानी काठमांडू और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। 'जेन-जी' (Gen-Z) के नाम से जाने जाने वाले युवा वर्ग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर सरकार को चुनौती दी है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि प्रशासन को काठमांडू घाटी के तीन जिलों में कर्फ्यू जैसे सख्त प्रतिबंध लगाने पड़े हैं, हालांकि बाद में कुछ घंटों के लिए ढील दी गई।


क्यों कर रहे हैं युवा प्रदर्शन? नेपाल के युवा बड़े राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों से नाराज हैं। उनका कहना है कि नेता अपनी स्वार्थी इच्छाओं के लिए देश के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं। यह आंदोलन सोशल मीडिया के माध्यम से संगठित किया गया है, जिसमें किसी एक नेता या पार्टी का प्रभाव नहीं है। युवा खुद ही अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं।


सरकार ने सख्त कदम उठाए, लेकिन फिर नरम पड़ी। बढ़ते प्रदर्शनों को देखते हुए, प्रशासन ने काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी। निषेधाज्ञा को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया, लेकिन आम लोगों की सुविधा के लिए गुरुवार को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक (12 घंटे) के लिए ढील दी गई। इस दौरान भी किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन, रैली या सभा करने पर पूरी तरह से पाबंदी है।


सरकार के इस कदम ने युवाओं के गुस्से को और बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि सरकार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। यह घटना दर्शाती है कि नेपाल की नई पीढ़ी अब चुप नहीं बैठने वाली और अपने अधिकारों के लिए लड़ने को तैयार है।