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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए एक नया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना बनाई गई है। यह परियोजना लगभग 76 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी लागत 4415 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस लिंक के निर्माण से मेरठ और बुलंदशहर के निवासियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में सुविधा होगी। इसके अलावा, सरकार ने ट्रैफिक प्रबंधन के लिए नए ई-वे हब्स और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में सुधार की भी योजना बनाई है।
 

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नया लिंक एक्सप्रेस-वे

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए एक नया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। यह परियोजना लगभग 76 किलोमीटर लंबी होगी, जो बुलंदशहर के रास्ते विकसित की जाएगी, और इसकी अनुमानित लागत 4415 करोड़ रुपये है। प्रारंभिक चरण में सरकार ने इस योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।


पश्चिम उत्तर प्रदेश के निवासियों को मिलेगा लाभ

इस नए लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण से मेरठ और बुलंदशहर के निवासियों को नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने में काफी सुविधा होगी। वर्तमान में, प्रदेश में कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे जैसे आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेस-वे मौजूद हैं। इस लिंक के माध्यम से यमुना एक्सप्रेस-वे के निकट स्थित नोएडा एयरपोर्ट सीधे गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएगा, जिससे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा और भी आसान हो जाएगी।


ई-वे हब्स से ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार

बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए, सरकार ने 12 नए ई-वे हब्स बनाने की योजना बनाई है। इनमें से 4 हब्स बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और 8 हब्स पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर स्थापित किए जाएंगे। इन हब्स के निर्माण के लिए 72 करोड़ रुपये (बुंदेलखंड) और 144 करोड़ रुपये (पूर्वांचल) का प्रावधान किया गया है, जिससे ट्रैफिक प्रबंधन और यात्रा के अनुभव में सुधार होगा।


आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में हाईटेक सुधार

सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के सुधार के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस राशि का उपयोग एक्सप्रेस-वे की छोटी-मोटी कमियों को सुधारने और इसे और बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने के लिए 10-10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे ट्रैफिक नियंत्रण और सुरक्षा में वृद्धि होगी।