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पंजाब ने वैश्विक निवेश में नया मुकाम हासिल किया

पंजाब ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में वैश्विक निवेश के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है। राज्य ने अब केवल कृषि में नहीं, बल्कि उद्योगों में भी अपनी पहचान बनाई है। जापान, अमेरिका, और यूरोप के देशों की कंपनियों का बढ़ता विश्वास इस बात का प्रमाण है कि पंजाब निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को आगामी निवेशक सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है, जो राज्य की क्षमता को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन अवसर होगा।
 

पंजाब का निवेश में नया अध्याय

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब ने वैश्विक निवेश के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। यह राज्य अब केवल भारत का 'अन्नदाता' नहीं, बल्कि 'निवेश-प्रदाता' के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है। जापान, अमेरिका, जर्मनी, यूके, यूएई, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और स्पेन जैसी प्रमुख देशों की कंपनियों का बढ़ता विश्वास इस बात का प्रमाण है कि पंजाब अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।


मंगलवार को उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी 'उद्योग-प्रथम' नीतियों ने पंजाब में एक ऐसा निवेश-अनुकूल वातावरण तैयार किया है, जो व्यापार करने में सहूलियत प्रदान करता है। मार्च 2022 से अब तक, पंजाब को ₹1.23 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 4.7 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। ये आंकड़े न केवल आर्थिक विकास को दर्शाते हैं, बल्कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान कर उनके परिवारों को सशक्त बनाने का भी वादा करते हैं।


नीदरलैंड्स की 100 साल पुरानी कंपनी De Heus इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस कंपनी ने राजपुरा में ₹150 करोड़ का अत्याधुनिक प्लांट स्थापित किया है। 2023 में नींव रखने के बाद, महज दो साल में उत्पादन शुरू होना पंजाब में कारोबारी गति का प्रमाण है। इस प्लांट से 300 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के लाखों लोगों के लिए अप्रत्यक्ष व्यापारिक अवसर उत्पन्न होंगे।


मान सरकार ने 'कारोबार में सहजता' को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 'फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल' भारत का सबसे उन्नत सिंगल-विंडो सिस्टम है, जिसने ऑफलाइन आवेदन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही, 'पंजाब राइट टू बिजनेस एक्ट' के तहत ₹125 करोड़ तक की इकाइयों को मात्र 5 दिनों में सैद्धांतिक अनुमोदन मिलता है।


पंजाब 45 दिनों में समयबद्ध अनुमतियाँ, डिमांड अप्रूवल, एस्केलेशन प्रक्रियाएं और प्रमुख लाइसेंसों की लंबी वैधता देने वाला पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा, "पंजाब गुरुओं, संतों और पैगंबरों की पवित्र भूमि है, जहां की उपजाऊ जमीन पर 'कुछ भी उग सकता है'।"


भारत की कुल भूमि का केवल 1.5% होने के बावजूद, पंजाब देश की जीडीपी में 3% का योगदान देता है, जो सरकार की उद्योग-हितैषी नीतियों और पंजाबी लोगों की मेहनत का परिणाम है। पंजाब अब केवल कृषि या पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं है। फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, ऑटो पार्ट्स, आईटी, टूरिज्म और फिल्म इंडस्ट्री में भी तेजी से प्रगति हो रही है।


मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को 13, 14 और 15 मार्च, 2026 को मोहाली में होने वाले प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा, "यह सम्मेलन पंजाब की क्षमता को प्रदर्शित करने और सहयोग के नए अवसर तलाशने का बेहतरीन मंच होगा।" पंजाब अब वैश्विक निवेशकों, उद्योगपतियों और नए कारोबारियों के लिए अवसरों का खुला द्वार है। अपनी सरल नीतियों, समृद्ध संसाधनों और निवेशक-हितैषी माहौल के कारण, पंजाब विश्व में निवेश का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।