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भारत और फ्रांस का नया एयरक्राफ्ट इंजन प्रोजेक्ट: 7 बिलियन डॉलर का समझौता

भारत और फ्रांस ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए एक नया 120 किलोन्यूटन इंजन विकसित करने का निर्णय लिया है। यह 7 बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट DRDO और फ्रांसीसी कंपनी Safran के बीच सहयोग के तहत होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परियोजना की पुष्टि की है, जो भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएगी। इस साझेदारी से दोनों देशों के बीच की रणनीतिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
 

भारत-फ्रांस सहयोग से नया एयरक्राफ्ट इंजन

भारत और फ्रांस मिलकर एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए एक शक्तिशाली 120 किलोन्यूटन (KN) इंजन विकसित करने की योजना बना रहे हैं। यह परियोजना सरकारी स्तर पर सहयोग के तहत होगी और इसे भारत के भविष्य के लड़ाकू विमानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस सहयोग से दोनों देशों के बीच की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी।


रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए फ्रांसीसी कंपनी Safran के साथ कैबिनेट समिति से सुरक्षा की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है। एक अधिकारी के अनुसार, DRDO ने Safran के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जो पहले से ही भारत में विभिन्न हेलीकॉप्टर इंजन का निर्माण कर रही है।


AMCA, जो एक ट्विन-इंजन पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, के लिए Safran को सबसे उपयुक्त विकल्प माना गया है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर होगी।


दिल्ली में 'द इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम' में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परियोजना की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "हमने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और भारत में इंजन निर्माण का कार्य शुरू कर रहे हैं।"


यह साझेदारी भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएगी और रक्षा प्रौद्योगिकी में देश की स्थिति को मजबूत करेगी। उम्मीद है कि यह विमान 2036 तक भारतीय वायु सेना में शामिल हो जाएगा।