भारत का मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र: 25% GDP लक्ष्य की ओर कदम
भारत की मैन्युफैक्चरिंग का महत्वाकांक्षी लक्ष्य
भारत ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें देश की GDP में मैन्युफैक्चरिंग का योगदान 25% तक पहुंचाना शामिल है। हालांकि, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केवल विचार करना पर्याप्त नहीं होगा। नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव, राजीव सिंह ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि इसे साकार करने के लिए तीन महत्वपूर्ण शर्तें पूरी करनी होंगी: केंद्र और राज्यों के बीच मजबूत सहयोग, नियमों का सरलीकरण, और इंडस्ट्री 4.0 जैसी नई तकनीकों का उपयोग।राजीव सिंह ठाकुर ने CII मैन्युफैक्चरिंग कॉन्क्लेव 2025 में इस 'मास्टरप्लान' की रूपरेखा साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बना रही है ताकि व्यापार करना आसान हो सके। इसके अलावा, सड़कों, हाईवे, बंदरगाहों और एयरपोर्ट जैसे बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया जा रहा है, जिससे निजी कंपनियों के लिए नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
ठाकुर ने यह भी कहा कि अब निजी क्षेत्र की जिम्मेदारी है। उन्होंने निजी कंपनियों से अपनी क्षमता बढ़ाने और निवेश करने का आग्रह किया। इसके साथ ही, जमीन अधिग्रहण और उसके उपयोग से संबंधित सुधारों की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, ताकि उद्योगों के लिए रास्ता और सुगम हो सके। दक्षिणी और पश्चिमी राज्य पहले से ही व्यापार के लिए अनुकूल माहौल प्रदान कर रहे हैं, जबकि उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र भी तेजी से सुधार कर रहे हैं।
इस कॉन्क्लेव में 'विकसित भारत 2047' के सपने को साकार करने के लिए तकनीक को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी इंडस्ट्री 4.0 तकनीकों को अपनाना होगा ताकि उत्पादन की गुणवत्ता और गति दोनों में वृद्धि हो सके।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इम्पोर्ट ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने, देश में कच्चे माल के उत्पादन को बढ़ाने और PM गतिशक्ति जैसी पहलों के माध्यम से लॉजिस्टिक्स को सुगम बनाने जैसे नीतिगत सुधारों से संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान किया जा सकेगा। टाटा केमिकल्स के MD और CEO, आर मुकुंदन ने कहा, “रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) का असली लाभ तभी है जब इसके परिणाम वैश्विक बाजार की मांगों के अनुरूप हों। भारतीय कंपनियों को दुनिया के लिए प्रतिस्पर्धी और अनूठे उत्पाद विकसित करने होंगे।”