मुंबई में साइबर फ्रॉड: रिटायर्ड व्यक्ति से 1.47 करोड़ रुपये की ठगी
साइबर फ्रॉड का मामला
मुंबई के अधिकारियों ने एक गंभीर साइबर धोखाधड़ी का खुलासा किया है, जिसमें एक रिटायर्ड व्यक्ति से फर्जी शेयर ट्रेडिंग योजना के माध्यम से 1.47 करोड़ रुपये की ठगी की गई। धोखेबाजों ने इस योजना को इस तरह से पेश किया कि पीड़ित उसे अस्वीकार नहीं कर सका। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तस्वीर वाले सोशल मीडिया विज्ञापन का उपयोग करके व्यक्ति को निवेश के लिए आकर्षित किया।
लालच में आकर किया निवेश
जब व्यक्ति ने फेसबुक पर विज्ञापन देखा, तो उसे लालच आ गया। विज्ञापन में 21,000 रुपये के निवेश पर 60,000 रुपये तक का सुनिश्चित लाभ देने का वादा किया गया था। लालच में आकर, उसने अपनी व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन साझा कर दी। इसके बाद उसे मीनाक्षी नाम की एक महिला का व्हाट्सऐप कॉल आया, जिसने खुद को UPSTOX सिक्योरिटीज का प्रतिनिधि बताया और निवेश प्रक्रिया में मार्गदर्शन किया।
फर्जी कंपनियों में निवेश
मीनाक्षी और उसके सहयोगियों ने व्यक्ति को SBI वेल्थ माइंडसेट, सेवेक्सा और रूबिकॉन रिसर्च लिमिटेड जैसी कई फर्जी योजनाओं में निवेश करने के लिए मनाया। कई लेनदेन में, व्यक्ति ने धोखेबाजों को 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। साइबर अपराधियों ने एक वर्चुअल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाया, जिसमें व्यक्ति के निवेश को 6.02 करोड़ रुपये तक दिखाया गया, जिसमें लाभ भी शामिल था। जब व्यक्ति ने लाभ निकालने की कोशिश की, तो धोखेबाजों ने गारंटी शुल्क के रूप में 90 लाख रुपये की मांग की, जिससे उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है।
साइबर पुलिस की कार्रवाई
पीड़ित ने तुरंत मुंबई के सेंट्रल साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि धोखेबाजों ने निवेशकों को धोखा देने के लिए फर्जी कंपनियों, क्लोन की गई वेबसाइटों और वित्त मंत्री की छवि का उपयोग करके एक साइबर फ्रॉड सिंडिकेट चलाया था, जो देखने में वास्तविक लगता था। पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए है और अपराधियों की सक्रियता से तलाश कर रही है।
लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी को भी पैसे ट्रांसफर न करें और न ही किसी भी निवेश योजना में पैसे लगाएं। किसी भी निवेश से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य करें।