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विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार में विश्वास लौट रहा है

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का विश्वास फिर से लौट रहा है, जिसके चलते उन्होंने पिछले पांच दिनों में 1751 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश बाजार में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। हालांकि, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है, जो टैरिफ के दबाव और रुपये की कमजोरी के कारण हो रहा है। जानें इस विषय पर और क्या जानकारी है।
 

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का बढ़ता विश्वास


भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का विश्वास लौट रहा है


Business News Today, बिजनेस डेस्क : भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का विश्वास फिर से बढ़ रहा है। पिछले कुछ हफ्तों की निरंतर निकासी के बाद, 6 से 10 अक्टूबर के बीच विदेशी निवेशकों ने 1751 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफआईआई ने नकद बाजार में व्यापारिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण बदलाव दिखाया है।


पहले दो सत्रों में भारी बिकवाली के बाद, 6 और 7 अक्टूबर को क्रमशः 1,584.48 करोड़ रुपये और 1,471.74 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई। इसके बाद, विदेशी निवेशक अगले तीन दिनों में आक्रामक खरीदार बन गए, और 1,663.65 करोड़ रुपये, 737.82 करोड़ रुपये और 2,406.54 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस प्रकार, सप्ताह के लिए 1,751.79 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह हुआ।


भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

टैरिफ के दबाव और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट के कारण विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पूंजी निकासी जारी है। इसके चलते, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 27.6 करोड़ डॉलर घटकर 699.96 अरब डॉलर रह गया।


पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 2.3 अरब डॉलर घटकर 700.236 अरब डॉलर हो गया था। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.049 अरब डॉलर घटकर 577.708 अरब डॉलर हो गईं। विदेशी मुद्रा आस्तियों में डॉलर के मुकाबले यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं के उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव होता है।


26 सितंबर को विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

26 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.334 अरब डॉलर घटकर 700.236 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले, 19 सितंबर को समाप्त सप्ताह में कुल भंडार 39.6 करोड़ डॉलर घटकर 702.57 अरब डॉलर रह गया था।


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