हरियाणा में कृषि भूमि पर विकास शुल्क: स्कूल और अस्पताल बनाना होगा महंगा
डेवलपमेंट चार्ज की नई नीति
हरियाणा में अब कृषि भूमि पर स्कूल, अस्पताल और पेट्रोल पंप बनाने की लागत बढ़ने वाली है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने कृषि भूमि पर किसी भी व्यावसायिक गतिविधि के लिए एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज लगाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री नायब सैनी को मंजूरी के लिए भेजा गया है। पहले यह शुल्क केवल शहरी क्षेत्रों में लागू होता था।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू होगा नया शुल्क
यह प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो टाउन कंट्री प्लानिंग के तहत नोटिफाइड क्षेत्रों में कृषि भूमि पर सभी व्यावसायिक गतिविधियों पर शुल्क लिया जाएगा।
सीएलयू के साथ ईडीसी का भुगतान अनिवार्य
राज्य में वर्तमान में केवल नगर निगमों और परिषदों के क्षेत्रों में ही ईडीसी की वसूली की जाती है। पहले कृषि क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए केवल चेंज ऑफ लैंड यूज का शुल्क लिया जाता था। नए प्रस्ताव के अनुसार, अब सीएलयू के साथ ईडीसी का भी भुगतान करना होगा।
डेवलपर्स की चिंताएं
हरियाणा में ईडीसी की दरें निश्चित नहीं हैं और यह प्रोजेक्ट के प्रकार और स्थान के अनुसार भिन्न होती हैं। दिसंबर 2024 में, सरकार ने संभावित रियल एस्टेट क्षेत्रों के लिए ईडीसी दरों में 20% की वृद्धि को मंजूरी दी थी, और इसके बाद हर साल 10% की वृद्धि तय की गई है।
ईडीसी में वृद्धि से रियल एस्टेट क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। कई डेवलपर्स ने इस निर्णय पर चिंता व्यक्त की है, उनका कहना है कि जो इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने का वादा किया गया था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है, जबकि ईडीसी के माध्यम से काफी धन इकट्ठा किया जा चुका है।