हरियाणा में नए कलेक्टर रेट 1 अगस्त से लागू, रजिस्ट्रियों पर रोक
हरियाणा में कलेक्टर रेट में वृद्धि
चंडीगढ़: हरियाणा में भूमि और संपत्ति की खरीद-फरोख्त के लिए कलेक्टर रेट में वृद्धि की प्रक्रिया अब स्पष्ट हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नए कलेक्टर रेट को मंजूरी दे दी है, जो 1 अगस्त से प्रभावी होंगे।
रजिस्ट्रियों पर रोक: सरकारी आदेशों के अनुसार, राज्य की सभी तहसीलों में 29 जुलाई से 31 जुलाई तक नई रजिस्ट्रियों की बुकिंग पर रोक लगा दी गई है। इस अवधि में केवल उन रजिस्ट्रियों को अनुमति दी जाएगी, जिनके लिए पहले से अपॉइंटमेंट बुक किया गया है। राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार, सभी जिलों के उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इससे पहले, 24 जुलाई को विभाग ने मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को नए कलेक्टर रेट लागू करने के संदर्भ में पत्र भेजा था।
बढ़ोतरी का उद्देश्य: प्रस्तावित बदलावों के तहत विभिन्न स्थानों पर कलेक्टर रेट में 5% से 25% तक की वृद्धि की गई है। सरकार का लक्ष्य इस वृद्धि के माध्यम से राजस्व में सुधार करना और भूमि के वास्तविक बाजार मूल्य के करीब लाना है।
विवाद की स्थिति: हालांकि, इस निर्णय को लेकर पहले से ही विवाद उत्पन्न हो चुका है। राज्य की वित्तायुक्त सुमिता मिश्रा ने स्पष्ट किया था कि नए रेट लागू करने से पहले एक सार्वजनिक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी, जिसमें आम जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगी जानी चाहिए थीं।
नियमों का पालन: नियमों के अनुसार, कलेक्टर रेट की सूची को लागू करने से कम से कम एक महीने पहले सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि नागरिक अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। लेकिन वर्तमान में यह सूची सार्वजनिक नहीं की गई है।
चुनावों का प्रभाव: उल्लेखनीय है कि 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण सरकार ने कलेक्टर रेट को 1 अप्रैल के बजाय 1 दिसंबर 2024 से बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसके बाद 1 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित नई दरें भी स्थगित कर दी गई थीं। अब इन्हें 1 अगस्त 2025 से लागू किया जा रहा है।