17 साल बाद पकड़ा गया आरोपी, जिसने अपनी मौत का नाटक किया
मुंबई में एक अनोखी गिरफ्तारी
मुंबई। एक व्यक्ति ने जेल जाने के डर से खुद की मौत की झूठी खबर फैला दी। उस पर यौन उत्पीड़न का आरोप था। आरोपी ने अपने निधन का शोक संदेश एक समाचार पत्र में भी प्रकाशित कराया और स्कॉटलैंड भाग गया। पुलिस ने 17 साल बाद उसे उसके टैटू के माध्यम से पकड़ लिया।
38 वर्षीय निकोलस रॉसी पर 2008 में उसकी प्रेमिका ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। सजा से बचने के लिए उसने अपनी मौत का नाटक किया और स्कॉटलैंड चला गया। 2021 में, रॉसी को ग्लास्गो में कोविड-19 के इलाज के दौरान गिरफ्तार किया गया। मेडिकल स्टाफ और पुलिस ने उसके शरीर पर मौजूद टैटू को इंटरपोल के नोटिस पर मौजूद तस्वीरों से मिलाकर उसकी असली पहचान का पता लगाया। जांच में यह भी सामने आया कि रॉसी ने पहले निकोलस अलाहवर्डियन नाम से अपनी मौत का झूठा एलान किया था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह नॉन-हॉजकिन लिंफोमा नामक बीमारी से ग्रसित था। जनवरी 2024 में, रॉसी को अमेरिका वापस भेजा गया। अपील के दौरान उसने कहा कि वह गलत व्यक्ति है और वास्तव में ऑर्थर नाइट नाम का एक आयरिश अनाथ है।
आरोपी की अदालत में झूठी दलीलें
रॉसी ने अदालत में यह भी कहा कि उसके कोमा में रहने के दौरान उसके टैटू बनाए गए और उसकी उंगलियों के निशान बदल दिए गए। लेकिन अदालत ने उसकी कहानी को झूठा मानते हुए कहा कि वह एक चालाक और धोखेबाज व्यक्ति है। स्थानीय जिला अटॉर्नी सिम गिल ने पीड़िता की हिम्मत की सराहना की और कहा कि अदालत में गवाही देना इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हुआ। रॉसी को पांच साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है, जिसका फैसला अक्टूबर में किया जाएगा।