2026 में गैस उपभोक्ताओं के लिए राहत: CNG और PNG की कीमतों में कमी
गैस उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर
देश के लाखों गैस उपभोक्ताओं के लिए नए साल 2026 की शुरुआत एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएगी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने गैस टैरिफ में कमी करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, 1 जनवरी 2026 से CNG और घरेलू पाइप नेचुरल गैस (PNG) की कीमतों में प्रति यूनिट लगभग 2 से 3 रुपये की कमी देखने को मिलेगी। यह जानकारी PNGRB के सदस्य ए के तिवारी ने साझा की है।
PNGRB का नया निर्णय
PNGRB ने गैस वितरण से संबंधित टैरिफ संरचना को सरल और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया है, जिसका सीधा प्रभाव CNG और PNG की अंतिम कीमतों पर पड़ेगा। नियामक बोर्ड का मानना है कि मौजूदा व्यवस्था जटिल थी और उपभोक्ताओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डाल रही थी।
गैस ट्रांसपोर्टेशन टैरिफ में बदलाव
पहले गैस ट्रांसपोर्टेशन टैरिफ तीन दूरी आधारित जोनों में निर्धारित किया जाता था, जिससे विभिन्न राज्यों और शहरों में कीमतों में बड़ा अंतर होता था। अब, नई व्यवस्था में जोन की संख्या घटाकर दो कर दी गई है। जोन वन का टैरिफ 54 रुपये तय किया गया है, जबकि पहले यह दर 80 से 107 रुपये तक जाती थी। यह नया टैरिफ पूरे देश में समान रूप से लागू होगा, जिससे क्षेत्रीय असमानता कम होगी।
उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ
इस निर्णय का प्रभाव देशभर के 312 भौगोलिक क्षेत्रों में कार्यरत 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों पर पड़ेगा। PNGRB ने स्पष्ट किया है कि टैरिफ में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना अनिवार्य होगा और कीमतों में कमी को लेकर नियामक निगरानी की जाएगी। इससे निजी वाहन चलाने वालों, टैक्सी ऑपरेटरों और घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
किचन बजट और ट्रांसपोर्ट पर प्रभाव
ऊर्जा विशेषज्ञों के अनुसार, PNG की कीमतों में यह मामूली कटौती मासिक किचन खर्च को स्थिर रखने में मदद करेगी। वहीं, CNG की सस्ती कीमतों से सार्वजनिक परिवहन की लागत में कमी आएगी, टैक्सी और कैब किराए पर दबाव कम होगा, और प्रदूषण मुक्त ईंधन को बढ़ावा मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में गैस कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए संतुलन लाने वाला माना जा रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
ऊर्जा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में गैस इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, अधिक शहरों को CGD नेटवर्क से जोड़ना, और उपभोक्ता सुरक्षा नियमों को सख्त करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। यह निर्णय सरकार के स्वच्छ ऊर्जा और किफायती ईंधन के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।