23 अगस्त 2025 का पंचांग: भाद्रपद अमावस्या का महत्व और शुभ मुहूर्त
भाद्रपद अमावस्या का महत्व
23 अगस्त 2025 का पंचांग: सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए भाद्रपद अमावस्या का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा पितरों तक सीधे पहुंचती है, जिससे व्यक्ति का जीवन खुशियों से भरा रहता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, आज सुबह 11:36 बजे तक भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि रहेगी, इसके बाद प्रतिपदा तिथि का आरंभ होगा। इस दिन कई दुर्लभ योग और प्रभावशाली करण का महासंयोग भी बन रहा है। आइए, जानते हैं आज के पंचांग के बारे में।
योग, नक्षत्र और करण
आज दोपहर 01:19 बजे से लेकर देर रात तक शिव योग रहेगा। शिव योग से पहले परिघ योग का संयोग भी बन रहा है। सुबह 12:54 बजे से लेकर रात तक पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा, जबकि इससे पहले मघा नक्षत्र का संयोग होगा। इसके अलावा, शनिवार को अमावस्या तिथि तक नाग करण रहेगा। अमावस्या तिथि समाप्त होते ही किस्तुघन करण का आरंभ होगा, जो रात 11:38 बजे तक रहेगा। दिन के अंत में किस्तुघन करण के बाद बव करण रहेगा।
दिशा शूल, सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रास्त
हनुमान जी और शनि देव को समर्पित इस शनिवार को दिशा शूल पूर्व दिशा में रहेगा। 23 अगस्त 2025 को सूर्योदय सुबह 5:55 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 6:52 बजे के आसपास होगा। चंद्रास्त शाम 7:04 बजे के करीब हो सकता है।
आज का शुभ मुहूर्त
आज का अशुभ मुहूर्त
संवत और चंद्रमास
नवग्रहों की स्थिति
- भाद्रपद अमावस्या के शुभ दिन सूर्य और केतु ग्रह सिंह राशि में युति स्थिति में रहेंगे।
- चंद्र देव आज कर्क राशि और सिंह राशि में संचार करेंगे।
- बुध और शुक्र देव कर्क राशि में उपस्थित रहेंगे।
- मंगल ग्रह कन्या राशि में रहेंगे।
- राहु कुंभ राशि में रहेगा।
- गुरु मिथुन राशि में और शनि देव मीन राशि में रहेंगे।