23 जून 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त और राहु काल की जानकारी
आज का पंचांग
23 जून 2025 का पंचांग: आज आषाढ़ माह का तेरहवां दिन है, जिसमें कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 58 मिनट 06 सेकंड और रात की लंबाई 10 घंटे 2 मिनट 9 सेकंड होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 23 जून के पंचांग के पांच अंग - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थिति क्या है। आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ रहेगा और राहु काल का समय क्या है?
तिथि
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो 23 जून की 01:21 AM तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा। त्रयोदशी तिथि विजयप्रद होती है, लेकिन इसे शुभ मुहूर्तों में नहीं माना जाता।
नक्षत्र
आज की शुरुआत कृत्तिका नक्षत्र से होगी, जो 23 जून की 03:16 PM तक रहेगा। यह नक्षत्र शुभ नहीं माना जाता। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र का आरंभ होगा।
दिन/वार
आज सोमवार है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन शिवजी की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन चंद्रदेव को समर्पित है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है।
योग
आज का दिन धृति योग से शुरू होगा, जो 23 जून की 01:17 PM तक रहेगा। इसके बाद शूल योग का आरंभ होगा। साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इस दिन को खास बनाता है।
करण
आज 11:46 AM तक गर करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद वणिज करण शुरू होगा, जो 23 जून की 01:21 AM तक रहेगा। इसके बाद विष्टि करण का आरंभ होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जबकि चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:04 AM से 04:44 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:24 AM से 05:24 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:55 AM से 12:51 PM
विजय मुहूर्त: 02:43 PM से 03:39 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:21 PM से 07:41 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:22 PM से 08:23 PM
अमृत काल: 01:07 PM से 02:33 PM
निशिता मुहूर्त: 12:03 AM, जून 24 से 12:44 AM, जून 24
सर्वार्थ सिद्धि योग: 03:16 PM से 05:25 AM, जून 24
आज अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: 07:09 AM से 08:54 AM
यमगण्ड: 10:39 AM से 12:23 PM
गुलिक काल: 02:08 PM से 03:53 PM
दुर्मुहूर्त काल: 12:51 PM से 01:47 PM और 03:39 PM से 04:35 PM
भद्रा काल: 10:09 PM से 05:25 AM, जून 24
23 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और यह दिन सोमवार है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
सोम प्रदोष व्रत: जो प्रदोष व्रत सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि को पड़ता है, वह सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करना है।
मासिक शिवरात्रि: यह हर महीने भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित एक विशेष दिन है, जो आध्यात्मिक विकास के लिए शुभ माना जाता है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग:
वार: सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बताता है।
योग: विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व बताता है।
करण: आधे तिथि का सूचक होता है।
पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।