×

26 अगस्त को मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

26 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा, जिसमें 1 से 19 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोली दी जाएगी। यह अभियान सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा। एडीसी राहुल मोदी ने इस संबंध में एक बैठक की, जिसमें अभियान की सफलता के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। जानें इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य अभियान के बारे में और कैसे यह बच्चों को कृमि मुक्त करने में मदद करेगा।
 

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन



  • जिला के 1 से 19 वर्ष के 3,24,778 बच्चों को दी जाएगी एल्बेंडाजोल की गोली

  • एडीसी राहुल मोदी की अध्यक्षता में हुई टास्क फोर्स समिति की बैठक


रेवाड़ी। एडीसी राहुल मोदी ने बताया कि 26 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर जिले के सभी 1 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोरों और प्रजनन आयु की महिलाओं को कृमि नियंत्रण की दवा एलबेन्डाजॉल दी जाएगी। यह दवा सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर मुफ्त में उपलब्ध होगी।


डीसी अभिषेक मीणा के मार्गदर्शन में एडीसी ने गुरुवार को लघु सचिवालय में टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और एनएचएम हरियाणा द्वारा 26 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जा रहा है। इसके बाद 2 सितंबर, 2024 को मॉप-अप दिवस भी मनाया जाएगा।


इस अभियान का उद्देश्य 1 से 19 वर्ष के बच्चों को कृमि मुक्त करना है। 1-2 वर्ष के बच्चों के लिए आधा टेबलेट, 3-19 वर्ष के बच्चों के लिए एक टेबलेट और प्रजनन आयु की महिलाओं के लिए एक टेबलेट का प्रावधान है। 26 अगस्त को बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों, आईटीआई, पॉल्टेक्निक कॉलेजों और औद्योगिक क्षेत्रों में अस्थायी केंद्रों पर एल्बेंडाजॉल की गोली दी जाएगी। जो बच्चे इस दिन दवा नहीं ले पाएंगे, उन्हें 2 सितंबर को मॉप-अप राउंड में गोली दी जाएगी।


शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर दवा का वितरण


एडीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान को सफल बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें और सभी बच्चों को दवा देना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मिलकर बच्चों को कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए सहयोग करना चाहिए। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर बच्चों को एल्बेंडाजॉल की दवा दी जाएगी।


उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंचों का सहयोग भी लिया जाए। शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों को भी इस बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया ताकि वे बच्चों को गोली खिलाने में मदद कर सकें। इसके साथ ही, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और हाथों को साबुन से धोने की आदत डाली जाए। बैठक में अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।