29 जून 2025 का पंचांग: जानें शुभ और अशुभ समय
आज का पंचांग
आज का पंचांग: 29 जून 2025 को आषाढ़ माह का उन्नीसवां दिन है, जो रविवार के रूप में मनाया जाएगा। आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि सुबह 9:14 बजे तक रहेगी, इसके बाद पंचमी तिथि का आरंभ होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है, और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं। दिन की अवधि 13 घंटे 57 मिनट 28 सेकंड और रात की अवधि 10 घंटे 2 मिनट 50 सेकंड होगी।
पंचांग के माध्यम से हम शुभ और अशुभ समय का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। शुभ समय में किए गए कार्यों की सफलता की संभावना अधिक होती है, जबकि अशुभ समय में ऐसा नहीं होता। आइए जानते हैं कि 29 जून के दिन शुभ और अशुभ समय कब है।
तिथि
तिथि
आषाढ़ माह शुक्लपक्ष चतुर्थी: सुबह 9:14 बजे तक
चतुर्थी एक रिक्ता तिथि है, जिसके स्वामी गणेश जी हैं। यह तिथि सामान्यतः शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती, लेकिन भक्ति कार्यों के लिए उपयुक्त हो सकती है।
शुक्ल पंचमी: सुबह 9:14 बजे से आगे
पंचमी तिथि पूर्णा तिथि है, जिसके स्वामी नाग हैं। यह तिथि कुछ शुभ कार्यों के लिए अनुकूल मानी जाती है।
नक्षत्र
नक्षत्र
अश्लेशा: सुबह 6:34 बजे तक
यह एक राक्षस गण नक्षत्र है, जो कुछ कार्यों के लिए अशुभ हो सकता है।
मघा: सुबह 6:34 बजे से आगे
मघा नक्षत्र राक्षस गण का है, लेकिन यह कुछ शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त हो सकता है।
दिन/वार
दिन/वार
रविवार: यह दिन सूर्यदेव को समर्पित है। रविवार को सूर्य ग्रह की शांति के लिए पूजा और भक्ति कार्य करना शुभ माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से सूर्य को जल अर्पित करने और सूर्य मंत्रों के जाप के लिए उपयुक्त है।
योग
योग
वज्र योग: शाम 5:59 बजे तक
यह योग कुछ कार्यों के लिए कठिन हो सकता है।
सिद्धि योग: शाम 5:59 बजे से आगे
सिद्धि योग शुभ कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है।
करण
करण
विष्टि (भद्रा): सुबह 9:14 बजे तक
विष्टि करण अशुभ माना जाता है, और इस दौरान शुभ कार्यों से बचना चाहिए।
बव: सुबह 9:14 बजे से शाम 9:13 बजे तक
बालव: शाम 9:13 बजे से आगे
सूर्य-चंद्र और ग्रहों की स्थिति
सूर्य-चंद्र और ग्रहों की स्थिति
सूर्य गोचर: सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बुध हैं।
सूर्य नक्षत्र: आर्द्रा (द्वितीय पद) सुबह 6:08 बजे तक, इसके बाद मघा।
चंद्र गोचर:
कर्क राशि: सुबह 6:34 बजे तक (चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि)
सिंह राशि: सुबह 6:34 बजे से आगे (सूर्य के स्वामित्व वाली राशि)
अन्य ग्रहों की स्थिति
अन्य ग्रहों की स्थिति
मेष राशि: शुक्र
मिथुन राशि: सूर्य, बृहस्पति
कर्क राशि: बुध
सिंह राशि: मंगल, केतु
कुंभ राशि: राहु
मीन राशि: शनि
सूर्योदय और चन्द्रोदय
सूर्योदय और चन्द्रोदय
सूर्योदय: सुबह 5:26 बजे
सूर्यास्त: शाम 7:23 बजे
चन्द्रोदय: सुबह 9:12 बजे
चन्द्रास्त: रात 10:37 बजे
शुभ-अशुभ काल
शुभ-अशुभ काल
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:06 से सुबह 4:46
यह समय आध्यात्मिक और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
प्रातः सन्ध्या: सुबह 4:26 से सुबह 5:26
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:57 से दोपहर 12:53
यह मध्याह्न का शुभ समय सभी प्रकार के कार्यों के लिए अनुकूल है।
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:44 से दोपहर 3:40
गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:22 से शाम 7:42
सायाह्न सन्ध्या: शाम 7:23 से रात 8:23
अमृत काल: सुबह 4:52 (30 जून) से सुबह 6:31 (30 जून)
निशिता मुहूर्त: रात 12:05 (30 जून) से रात 12:45 (30 जून)
रवि योग: सुबह 5:26 से सुबह 6:34
रविवार होने के कारण यह योग विशेष रूप से शुभ है।
अशुभ समय
अशुभ समय
राहुकाल: शाम 5:38 से शाम 7:23
हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य शुरू करने की मनाही है।
यमगण्ड: दोपहर 12:25 से दोपहर 2:09
गुलिक काल: दोपहर 3:54 से शाम 5:38
दुर्मुहूर्त: शाम 5:31 से शाम 6:27
वर्ज्य: शाम 6:57 से रात 8:36
भद्रा: सुबह 5:26 से सुबह 9:14
भद्रा काल में शुभ कार्यों से बचना चाहिए।
गण्ड मूल: पूरे दिन
अश्लेशा और मघा नक्षत्रों के कारण गण्ड मूल प्रभावी है। इस दौरान शुभ कार्यों के लिए सावधानी बरतें।
बाण: रज – रात 10:54 तक
29 जून 2025 के पर्व और त्योहार
29 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज 29 जून 2025 को कोई प्रमुख पर्व या त्योहार नहीं है। रविवार होने के कारण यह दिन सूर्यदेव की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ है। सूर्यदेव को जल अर्पित करना, सूर्य मंत्रों का जाप करना, और भक्ति कार्य इस दिन लाभकारी हो सकते हैं।
आज की यात्रा टिप्स
आज की यात्रा टिप्स
आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
वार: रविवार सूर्यदेव को समर्पित है।
तिथि: चतुर्थी और पंचमी तिथियां कुछ शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त हैं।
नक्षत्र: अश्लेशा और मघा नक्षत्रों में सावधानी बरतें।
योग: सिद्धि योग शुभ कार्यों के लिए अनुकूल है।
करण: विष्टि (भद्रा) अशुभ है, जबकि बव और बालव शुभ हैं।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व
हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय शुरू करना, और यात्रा आदि। इन कार्यों में शुभ समय का चयन करने से सकारात्मक ऊर्जा और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
पंचांग की जीवन में भूमिका
पंचांग की जीवन में भूमिका
पंचांग व्यक्ति की निर्णय क्षमता को सुदृढ़ करता है और प्रकृति के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। 29 जून 2025 को गण्ड मूल और भद्रा जैसे अशुभ समय को ध्यान में रखकर, ब्रह्म मुहूर्त, अभिजित मुहूर्त, या सिद्धि योग में शुभ कार्य करें।