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40 के बाद मसल्स बनाने का महत्व: सेहत के लिए निवेश

40 वर्ष की आयु के बाद मांसपेशियों का निर्माण सेहत के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे मांसपेशियों की कमी से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है और इसे कैसे रोका जा सकता है। सही प्रोटीन सेवन, मांसपेशियों की ट्रेनिंग, और सक्रिय जीवनशैली अपनाने के उपायों के बारे में जानें।
 

फिटनेस के प्रति जागरूकता

आजकल हर कोई अपनी सेहत और फिटनेस के प्रति सजग है। 40 वर्ष की आयु के बाद, शरीर में हर 10 साल में मांसपेशियों की मात्रा 3 से 5% तक घटने लगती है। इससे धीरे-धीरे ताकत में कमी आती है और कैलोरी बर्न करने की क्षमता भी घट जाती है। इसके साथ ही फैटी लिवर, डायबिटीज और हड्डियों के टूटने जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। कमजोर मांसपेशियों के कारण गिरने से भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, आपको अपनी सेहत में निवेश करना चाहिए। इस लेख में, हम जानेंगे कि 40 के बाद मांसपेशियों का निर्माण क्यों महत्वपूर्ण है।


मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव

कई अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि बेसल मेटाबॉलिक रेट, यानी आराम की स्थिति में कैलोरी जलाने की दर, 20 से 60 वर्ष की आयु तक समान रहती है। असली परिवर्तन मांसपेशियों के आकार में होता है। जब आप 1 किलो मांसपेशी खोते हैं, तो आपकी शरीर आराम की स्थिति में प्रतिदिन 50-60 कैलोरी कम जलाता है। यह साल भर में 2.5 किलो फैट बढ़ा सकता है, भले ही आपकी डाइट में कोई बदलाव न किया गया हो।


इन 5 स्टेप्स का पालन करें

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