42 दवाओं के खुदरा मूल्य में कमी: मरीजों को मिलेगी राहत
42 दवाओं के मूल्य निर्धारण से मिली राहत
42 दवाओं के खुदरा मूल्य निर्धारित: केंद्र सरकार ने नागरिकों को राहत प्रदान करते हुए 42 सामान्य दवाओं के खुदरा मूल्य तय कर दिए हैं। इनमें ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक्स और इप्का लेबोरेट्रीज की दवाएं शामिल हैं। यह कदम महंगी दवाओं के बोझ को कम करने और दवा दुकानों पर अनियमित मुनाफाखोरी पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ऑर्गन प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक दवाएं
ऑर्गन प्रत्यारोपण के बाद उपयोगी दवाएं
इन दवाओं में कुछ ऐसी भी हैं जो अंग प्रत्यारोपण के बाद अंग रिजेक्शन को रोकने के लिए उपयोग की जाती हैं। उदाहरण के लिए, मेरोपेनम और सुलबैक्टम इंजेक्शन की खुदरा कीमत अब 1,938.59 रुपये प्रति शीशी निर्धारित की गई है। इसी तरह, माइकोफेनोलेट मोफेटिल टैबलेट की कीमत 131.58 रुपये प्रति टैबलेट रखी गई है।
संक्रमण रोधी दवाओं की कीमत में कमी
संक्रमण रोधी दवाओं पर भी राहत
बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में उपयोग की जाने वाली एबॉट हेल्थकेयर की क्लैरिथ्रोमाइसिन एक्सटेंडेड-रिलीज टैबलेट की कीमत अब 71.71 रुपये प्रति टैबलेट कर दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन दवाओं की कीमतों में कमी से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी।
फरवरी में जारी हुआ था आदेश
फरवरी में जारी हुआ था आदेश
वास्तव में, इस वर्ष फरवरी में राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आदेश जारी किया था कि सभी निर्माता कंपनियों को निर्धारित कीमतों की सूची डीलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को उपलब्ध करानी होगी। अब उस आदेश के बाद इन दवाओं के दाम सार्वजनिक कर दिए गए हैं।
मूल्य सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य
मूल्य सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि फार्मेसियों पर दवाओं की कीमत की सूची प्रदर्शित करना इसलिए आवश्यक किया गया है, ताकि आम नागरिक यह सुनिश्चित कर सके कि दवाएं निर्धारित दरों पर ही बेची जा रही हैं। NPPA के आदेश के अनुसार, हर खुदरा विक्रेता और डीलर को मूल्य सूची और अनुपूरक सूची दुकान में साफ और आसानी से दिखने वाली जगह पर लगानी होगी।
मरीजों को राहत और पारदर्शिता
मरीजों को राहत और पारदर्शिता
सरकार का मानना है कि यह कदम मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। महंगी दवाओं की कीमत तय होने से मरीजों का आर्थिक बोझ कम होगा, वहीं दवा विक्रेताओं की मनमानी और मुनाफाखोरी पर भी रोक लगेगी। यह निर्णय दवा बाजार में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।