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8 अक्टूबर 2025 का पंचांग: तिथि, नक्षत्र और शुभ मुहूर्त

8 अक्टूबर 2025 का पंचांग भक्ति और त्योहारों के माहौल में कार्तिक मास की शुरुआत का संकेत देता है। आज कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है, जिसमें अश्विनी नक्षत्र और हर्षण योग का महत्व है। जानें आज का पूरा पंचांग, शुभ-अशुभ समय, और धार्मिक अनुष्ठान के उपाय। दीप दान का विशेष महत्व है, जो सकारात्मकता लाने में मदद करता है। इस लेख में सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करें।
 

8 अक्टूबर 2025 का पंचांग: तिथि, नक्षत्र और योग

8 अक्टूबर 2025 का पंचांग: आज कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है, जो भक्ति और त्योहारों का महीना माना जाता है। आज कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। अश्विनी नक्षत्र रात 10:44 बजे तक रहेगा, इसके बाद भरणी नक्षत्र का आरंभ होगा। हर्षण योग रात 1:33 बजे तक और तैतिल करण शाम 4:08 बजे तक प्रभावी रहेगा। आज दीप दान का विशेष महत्व है। आइए, जानते हैं आज का पूरा पंचांग, शुभ-अशुभ समय और धार्मिक उपाय।


सूर्य और चंद्र का समय


आज सूर्योदय सुबह 6:18 बजे और सूर्यास्त शाम 5:59 बजे होगा। चंद्रोदय शाम 6:39 बजे और चंद्रास्त अगले दिन सुबह 7:23 बजे (9 अक्टूबर) होगा। दिन की अवधि 11 घंटे 41 मिनट 10 सेकंड और रात की अवधि 12 घंटे 19 मिनट 23 सेकंड रहेगी।


आज का पंचांग


तिथि: कृष्ण द्वितीया रात 2:22 बजे तक (9 अक्टूबर), फिर तृतीया तिथि।


नक्षत्र: अश्विनी नक्षत्र रात 10:44 बजे तक (प्रथम चरण सुबह 6:47, द्वितीय दोपहर 12:07, तृतीय शाम 5:26, चतुर्थ रात 10:44 तक), फिर भरणी नक्षत्र।


योग: हर्षण योग रात 1:33 बजे तक, फिर वज्र योग।


करण: तैतिल करण शाम 4:08 बजे तक, फिर गर करण रात 2:22 बजे तक, इसके बाद वणिज।


वार: बुधवार।


चंद्र मास और संवत


पूर्णिमांत: कार्तिक, अमांत: आश्विन।


विक्रम संवत: 2082 (कालायुक्त), शक संवत: 1947 (विश्वावसु), गुजराती संवत: 2081 (नल), बृहस्पति संवत्सर: कालायुक्त (25 अप्रैल 2025 तक), फिर सिद्धार्थी।


राशि और नक्षत्र:


चंद्र राशि: मेष।
सूर्य राशि: कन्या।
सूर्य नक्षत्र: हस्त (चतुर्थ चरण)।
ऋतु और अयन:
द्रिक और वैदिक ऋतु: शरद।
द्रिक और वैदिक अयन: दक्षिणायन।
शुभ और अशुभ समय
शुभ काल:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:39 से 5:29।
प्रातः संध्या: सुबह 5:04 से 6:18।
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:05 से 2:52।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:59 से 6:24।
सायाह्न संध्या: शाम 5:59 से 7:13।
अमृत काल: शाम 4:21 से 5:47।
निशिता मुहूर्त: रात 11:44 से 12:33 (9 अक्टूबर)।


नोट: अभिजित मुहूर्त आज अनुपस्थित है।


अशुभ काल:


राहुकाल: दोपहर 12:08 से 1:36।
यमगण्ड: सुबह 7:45 से 9:13।
गुलिक काल: सुबह 10:41 से दोपहर 12:08।
विडाल योग: सुबह 6:18 से रात 10:44।
वर्ज्य: शाम 7:12 से 8:37।
दुर्मुहूर्त: सुबह 11:45 से दोपहर 12:32।
गण्ड मूल: सुबह 6:18 से रात 10:44 (अश्विनी नक्षत्र के कारण)।


अन्य ज्योतिषीय जानकारी


होमाहुति: मंगल।
दिशा शूल: उत्तर (इस दिशा में यात्रा से बचें)।
अग्निवास: पाताल (रात 2:22 तक, 9 अक्टूबर), फिर पृथ्वी।
शिववास: सभा में (रात 2:22 तक), फिर क्रीड़ा में।
चंद्र वास: पूर्व।
राहु वास: दक्षिण-पश्चिम।
कुंभ चक्र: उत्तर (अशुभ)।
बाण: अग्नि (सुबह 11:37 तक)।
आनंदादि योग: मृत्यु (रात 10:44 तक), फिर काण (अशुभ)।
तमिल योग: मरण (रात 10:44 तक), फिर मरण और जीवनम (पूर्ण जीवन), नेत्रम (दो नेत्र)।


धार्मिक अनुष्ठान


आज से कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है, जो भक्ति और संयम का समय है। दीप दान का विशेष महत्व है। घर के मंदिर में दीप जलाएं और तुलसी, नजदीकी मंदिर या पीपल वृक्ष के नीचे दीप दान करें। दोपहर 12:00 से 1:30 बजे के बीच उड़द, तिल या नारियल का दान या बहते जल में प्रवाह करें। यह राहु से जुड़ी समस्याओं को कम करता है। गोधूलि बेला (शाम 5:59 से 6:24) में गजेंद्रमोक्ष पाठ करें। श्री गणेश स्तुति और दान-पुण्य से सकारात्मकता बढ़ेगी।