Cyclone Shakti: क्या है इसके प्रभाव और भविष्यवाणी?
Cyclone Shakti की स्थिति
Cyclone Shakti: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि अरब सागर में सक्रिय चक्रवात 'शक्ति' सोमवार सुबह से कमजोर होने लगेगा और पूर्व की दिशा में बढ़ते हुए अपनी तीव्रता खो देगा। रविवार तक इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है, और शाम तक यह उत्तर-पश्चिम तथा पश्चिम-मध्य अरब सागर में पहुँच सकता है। यह मानसून के बाद का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान है, जिसने शनिवार को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ समुद्र में हलचल मचाई।
मुंबई और महाराष्ट्र में मौसम का पूर्वानुमान
मुंबई और महाराष्ट्र में बदला मौसम का अनुमान
चक्रवात की आशंका के चलते मुंबई और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी। लेकिन रविवार को IMD ने अपने पूर्वानुमान को संशोधित करते हुए कहा कि शहर और आसपास के इलाकों में भारी वर्षा की संभावना नहीं है। विभाग ने स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में न तो तेज बारिश होगी और न ही मध्यम स्तर की। मुंबई में केवल हल्की, छिटपुट बारिश या बूंदाबांदी देखने को मिलेगी, जो 8 अक्टूबर तक जारी रह सकती है.
तेज हवाओं का प्रभाव
तेज हवाओं का असर महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में
IMD के अनुसार, 3 से 5 अक्टूबर के बीच उत्तरी महाराष्ट्र के समुद्री तट पर 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। कुछ समय के लिए इनकी गति 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच सकती है। यदि चक्रवात की ताकत बनी रहती है, तो हवा की गति और भी बढ़ सकती है, जिससे समुद्र की लहरें ऊँची उठेंगी.
आंतरिक महाराष्ट्र में बारिश की संभावना
आंतरिक महाराष्ट्र में भारी वर्षा की आशंका
महाराष्ट्र के आंतरिक क्षेत्रों में भी चक्रवात का अप्रत्यक्ष असर देखने को मिल सकता है। खासकर मराठवाड़ा और पूर्वी विदर्भ के कई हिस्सों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है। वहीं, उत्तरी कोंकण के निचले क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा बना रहेगा। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है.
मछुआरों के लिए चेतावनी
समुद्री क्षेत्र में मछुआरों को चेतावनी
चक्रवात 'शक्ति' के कारण समुद्र में लहरें ऊँची और खतरनाक बनी हुई हैं। IMD ने चेतावनी जारी की है कि मछुआरे मंगलवार तक समुद्र में न जाएँ। विशेषकर उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व और मध्य अरब सागर के साथ-साथ गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। विभाग का कहना है कि इन इलाकों में समुद्री परिस्थितियाँ रविवार तक 'बेहद खराब' बनी रहेंगी.
चक्रवात का नामकरण प्रक्रिया
चक्रवात का नामकरण कैसे हुआ?
इस तूफान को 'शक्ति' नाम दिया गया है। चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया विश्व मौसम संगठन (WMO) और ESCAP पैनल की सिफारिशों के तहत होती है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से प्रभावित होने वाले तूफानों के नाम दक्षिण एशिया के 13 देशों की सूची से लिए जाते हैं। इस बार का नाम श्रीलंका द्वारा सुझाया गया था.
दक्षिण भारत में चक्रवात का प्रभाव
दक्षिण भारत में भी असर
उत्तर-पश्चिम भारत और महाराष्ट्र के अलावा, दक्षिण भारत के कई हिस्सों में भी चक्रवात का प्रभाव दिख सकता है। IMD ने शनिवार को चेन्नई समेत तमिलनाडु के कई जिलों में मध्यम से भारी वर्षा की चेतावनी जारी की। इससे तटीय इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और परिवहन पर भी असर पड़ने की संभावना है.