Facebook और Instagram का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: Meta की छिपी हुई रिपोर्ट
Facebook और Instagram: मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव
एक नई रिपोर्ट में यह सामने आया है कि Facebook और Instagram का उपयोग करने वाले यूजर्स की मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, जिसे Meta ने छिपाने का प्रयास किया। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।
Meta पर गंभीर आरोप: मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook और Instagram पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, Meta ने एक आंतरिक अध्ययन को दबा दिया, जिसमें यह बताया गया था कि इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने से यूजर्स की मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह जानकारी अमेरिका के स्कूल डिस्ट्रिक्ट्स द्वारा Meta के खिलाफ दायर मुकदमे में उजागर हुई है।
अध्ययन में यह पाया गया कि इन सोशल प्लेटफॉर्म्स के कारण लोगों में डिप्रेशन, एंग्जायटी और मानसिक तनाव की समस्या बढ़ सकती है। यह जानकर चौंकाने वाली बात है कि Meta ने इस रिसर्च को बीच में ही रोक दिया।
Project Mercury: फेसबुक से एक हफ्ते की दूरी पर बढ़ी समस्याएं
दस्तावेजों से पता चलता है कि 2020 में Meta ने Nielsen के साथ मिलकर Project Mercury नामक एक आंतरिक अध्ययन शुरू किया था। इस अध्ययन में उन यूजर्स के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव का मूल्यांकन किया गया, जिन्होंने फेसबुक या इंस्टाग्राम को कुछ समय के लिए निष्क्रिय किया था।
परिणाम Meta की अपेक्षाओं के विपरीत थे।
आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार,
जिन लोगों ने केवल एक हफ्ते के लिए फेसबुक से दूरी बनाई, उनमें निम्नलिखित लक्षण पाए गए:
डिप्रेशन
एंग्जायटी
अकेलापन
मानसिक अस्थिरता
इन परिणामों को सार्वजनिक करने या आगे की रिसर्च करने के बजाय, Meta ने इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया।
Meta का बचाव: शोध का तरीका गलत था
हाल ही में Meta के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कंपनी ने अध्ययन को इसलिए बंद किया क्योंकि शोध का तरीका सही नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि Meta अपने उत्पादों को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
हालांकि, आंतरिक कर्मचारियों की राय इससे भिन्न थी।
कर्मचारियों की कड़ी आलोचना: ‘तंबाकू उद्योग जैसी हरकत’
एक स्टाफ रिसर्चर के अनुसार, Nielsen अध्ययन यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया यूजर्स पर सोशल कंपेरिजन का कितना गहरा प्रभाव पड़ता है।
एक अन्य कर्मचारी ने इसकी तुलना तंबाकू उद्योग से की, यह कहते हुए कि जैसे कंपनियां जानती थीं कि सिगरेट हानिकारक है, फिर भी जानकारी छिपाती थीं, उसी तरह Meta भी सच को छिपा रहा है।