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Tetanus Symptoms: टिटनेस की बीमारी होती है बेहद खतरनाक, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव

टेटनस एक प्रकार का जीवाणु संक्रमण है जो कटने या चोट लगने से हो सकता है। यह एक घातक संक्रमण हो सकता है, जिसे ऑब्सट्रक्टिव जौ भी कहा जाता है।
 

Health Desk: टेटनस एक प्रकार का जीवाणु संक्रमण है जो कटने या चोट लगने से हो सकता है। यह एक घातक संक्रमण हो सकता है, जिसे ऑब्सट्रक्टिव जौ भी कहा जाता है। टेटनस बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर एक प्रकार का विष उत्पन्न करना शुरू कर देता है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और मांसपेशी प्रणाली से संबंधित समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए इस संक्रमण से बचना बहुत जरूरी है। हमें बताएं कि आपको टिटनेस का टीका कब लगवाने की जरूरत है और यह कैसे काम करता है।

टिटनेस का टीका क्यों आवश्यक है?
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, टेटनस बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं और विषाक्त पदार्थों का उत्पादन शुरू करते हैं जो रीढ़ की हड्डी से मांसपेशियों तक संकेतों को अवरुद्ध करते हैं। मांसपेशियों में ऐंठन तंत्रिका तंत्र और मांसपेशीय तंत्र के बीच संकेतों के अवरोध के कारण होती है, जो सबसे पहले जबड़े और गर्दन के पास से शुरू होती है। इसलिए इसे अवरुद्ध जौ भी कहा जाता है। इसलिए, इस बैक्टीरिया को शरीर में सक्रिय होने से रोकने के लिए टिटनेस का इंजेक्शन जरूरी है।

यह कैसे काम करता है?
टिटनेस संक्रमण से बचाव के लिए बचपन में ही टीका लगाया जाता है। बच्चों के अलावा वयस्कों को भी समय पर टिटनेस का टीका लगवाना जरूरी है। टीके में निष्क्रिय रूप में टेटनस संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन करने में मदद करते हैं। इस वजह से अगर टेटनस बैक्टीरिया किसी कट या चोट के जरिए शरीर में प्रवेश करता है तो ये एंटीबॉडीज उसे नष्ट कर देंगे।

टेटनस का टीका कब आवश्यक है?
सभी को नियमित टिटनेस का टीका लगवाना चाहिए। वयस्कों को हर 10 साल में टिटनेस का टीका लगवाना चाहिए। इस बीच आप अपने डॉक्टर से पूछकर बूस्टर इंजेक्शन भी ले सकते हैं। इसी तरह बच्चों को भी नियमित इंजेक्शन लेना चाहिए। वे टीकाकरण कार्ड प्राप्त करके और डॉक्टर से संपर्क करके टीका लगवा सकते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह टीका लगवाना जरूरी है।