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International Yoga Day 2025: योग करते समय इन गलतियों से बचें

International Yoga Day 2025 के अवसर पर, योग के लाभों को अधिकतम करने के लिए कुछ सामान्य गलतियों से बचना आवश्यक है। इस लेख में, हम उन गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे जो लोग अक्सर योग करते समय करते हैं, जैसे कि गलत सांस लेना, भरे पेट योग करना, और गलत मुद्रा में आसन करना। सही तरीके से योग करने से न केवल चोट लगने का खतरा कम होता है, बल्कि यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। जानें कि योग के बाद शरीर को कैसे शांत करना चाहिए और नियमितता का महत्व क्या है।
 

योग का महत्व और सावधानियाँ

International Yoga Day 2025: योग एक ऐसा साधन है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करता है। इसे नियमित रूप से करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। हालांकि, कई लोग योग करते समय कुछ सामान्य गलतियाँ कर देते हैं, जो लाभ के बजाय हानि पहुँचा सकती हैं। गलत तरीके से योग करने से न केवल इसके प्रभाव में कमी आती है, बल्कि चोट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि किन गलतियों से बचना आवश्यक है।


सांस का गलत उपयोग

सांस रोकना या गलत तरीके से लेना


योग करते समय सांस का सही तालमेल बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। कई लोग आसन करते समय या तो सांस रोक लेते हैं या गलत तरीके से सांस लेते हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और थकान जल्दी महसूस होती है। इसलिए, योग करते समय हमेशा ध्यानपूर्वक रहें और सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।


खाली पेट योग करना

भरे पेट योग करना


यदि आप पेट भरकर योग करते हैं, तो इससे कई समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। योग हमेशा खाली पेट या हल्का नाश्ता करने के 2-3 घंटे बाद करना चाहिए। भरे पेट योग करने से ऐंठन और अपच जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।


सही मुद्रा का ध्यान रखें

गलत मुद्रा में योग करना



यदि आप किसी आसन को गलत तरीके से करते हैं, तो इसका सीधा असर आपकी रीढ़ की हड्डी, जोड़ों और मांसपेशियों पर पड़ सकता है। इसलिए, हमेशा आसनों को सही तकनीक से करें या प्रशिक्षित योग शिक्षक की मदद लें।


नियमितता का महत्व

नियमित योग न करना


योग का प्रभाव तभी दिखाई देता है जब आप इसे नियमित रूप से करते हैं। बीच-बीच में अभ्यास छोड़ने से शरीर की प्रगति रुक सकती है और लचीलापन भी कम हो जाता है।


शांत होना आवश्यक

योग के बाद शरीर को शांत न करना


योग के बाद शरीर को रिलैक्स करना, यानी कूल डाउन करना बहुत जरूरी है। शवासन जैसे आसनों से शरीर को आराम मिलता है और अभ्यास का प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है।