हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में यात्रा: सावधानियां और सुझाव
प्रेग्नेंसी का खास समय
महिलाओं के लिए गर्भावस्था का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान वे अपनी देखभाल पर विशेष ध्यान देती हैं। चिकित्सक भी सलाह देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सावधानी बरतना आवश्यक है। आजकल काम के कारण महिलाएं यात्रा करती हैं, जिससे यह जानना जरूरी है कि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में यात्रा करना कितना सुरक्षित है। इस लेख में हम जानेंगे कि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और किन महिलाओं को इस श्रेणी में रखा जाता है।
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी क्या है?
चिकित्सकों के अनुसार, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वह स्थिति है जिसमें गर्भवती महिला या उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर सामान्य से अधिक खतरा होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन जोखिमों को समझना और सावधानी बरतना आवश्यक है।
- उच्च रक्तचाप या प्री-एक्लेम्पसिया
- गर्भावस्था से पहले या दौरान डायबिटीज
- एनीमिया
- थायरॉइड से संबंधित समस्याएं
- पहले मिसकैरेज या प्री-टर्म डिलीवरी का इतिहास
- जुड़वां या ट्रिपलेट्स होना
- प्लेसेंटा प्रीविया या अन्य समस्याएं
- समय से पहले डिलीवरी का जोखिम
क्या हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में यात्रा की जा सकती है?
डॉक्टरों का कहना है कि इस सवाल का उत्तर हां या नहीं में देना मुश्किल है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में यात्रा पूरी तरह से मना नहीं है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि गर्भवती महिला की मेडिकल स्थिति कैसी है, गर्भावस्था का कौन सा ट्राइमेस्टर चल रहा है और डॉक्टर ने क्या सलाह दी है। यदि गर्भावस्था सामान्य है और कोई विशेष जोखिम नहीं है, तो छोटी और आवश्यक यात्रा की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि, लंबी और थकान देने वाली यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है।
यात्रा करते समय सावधानियां
- यात्रा से पहले अपने गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लें और डॉक्टर की लिखित अनुमति प्राप्त करें।
- लंबी यात्रा के दौरान खराब सड़कों और झटकेदार सफर से बचें।
- यात्रा के दौरान पर्याप्त पानी पीते रहें, क्योंकि डिहाइड्रेशन से प्री-टर्म लेबर का जोखिम बढ़ सकता है।
- ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें ताकि सूजन न हो।
- हर एक से दो घंटे में थोड़ी देर चलें या पैरों को हिलाएं ताकि ब्लड क्लॉट बनने का जोखिम कम हो।
- समय पर अपनी दवाइयां लें और सभी मेडिकल रिपोर्ट्स अपने साथ रखें।
- यात्रा के दौरान नजदीकी अस्पतालों और इमरजेंसी नंबरों की जानकारी रखें।
- भारी सामान उठाने से बचें, चाहे वह कितना भी हल्का क्यों न हो।
फ्लाइट में यात्रा करते समय सावधानियां
हर एयरलाइन प्रेग्नेंसी से संबंधित अलग नियम और शर्तें निर्धारित करती है, इसलिए यात्रा से पहले यह जानना जरूरी है कि किस जेस्टेशनल उम्र तक उड़ान की अनुमति है। आमतौर पर, डॉक्टर द्वारा जारी किया गया फिट-टू-फ्लाई प्रमाणपत्र आवश्यक होता है, जो उड़ान से तीन दिन पहले का होना चाहिए। एयर ट्रैवल की योजना बनाने से पहले एयरलाइन और अपने डॉक्टर से पुष्टि करना बेहद जरूरी है।