RBI गवर्नर ने UPI शुल्क पर दी महत्वपूर्ण जानकारी
UPI की मुफ्त सेवा पर RBI का बयान
नई दिल्ली - भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में स्पष्ट किया कि UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) की सेवा हमेशा मुफ्त नहीं रह सकती। उन्होंने बताया कि इस डिजिटल भुगतान प्रणाली को संचालित करने में खर्च होता है, और यह खर्च किसी न किसी को उठाना होगा।
गवर्नर ने यह टिप्पणी मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि UPI हमेशा मुफ्त रहेगा। इस सेवा से जुड़ी लागतें हैं और कोई न कोई उसका भुगतान करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रणाली को टिकाऊ बनाना आवश्यक है। चाहे भुगतान सरकार करे या कोई अन्य, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन इस सेवा की लागत को लंबे समय तक बिना भुगतान के नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी सेवा तभी टिकाऊ होती है जब उसकी लागत को कवर किया जाए, चाहे वह व्यक्ति, व्यापारी, बैंक या सरकार हो।
RBI गवर्नर ने पहले भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की थी। जुलाई 2025 में आयोजित फाइनेंशियल एक्सप्रेस BFSI शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि UPI का Zero-Cost Model लंबे समय तक नहीं चल सकता। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकार इस सेवा को सब्सिडी दे रही है, जिससे बैंकों और अन्य कंपनियों पर कोई प्रत्यक्ष खर्च नहीं आ रहा है, लेकिन जैसे-जैसे लेनदेन की संख्या बढ़ रही है, लागत भी बढ़ रही है।