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RSS की शताब्दी पर भारत माता का विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी

RSS की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत सरकार ने एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया है, जिसमें भारत माता की छवि अंकित है। यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर संघ के योगदानों की सराहना की और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। जानें इस सिक्के की विशेषताएँ और पीएम मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु।
 

RSS 100 Years Bharat Mata Coin

RSS 100 Years Bharat Mata Coin: आजाद भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की भव्य छवि को अंकित किया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर, भारत सरकार ने बुधवार को एक स्मारक सिक्का (₹100) और एक विशेष डाक टिकट जारी किया। यह क्षण भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रभक्ति का अनूठा उदाहरण माना जा रहा है।


सिक्के की विशेषताएँ


इस 100 रुपये के सिक्के के एक तरफ राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न है, जबकि दूसरी तरफ सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की दिव्य छवि है। भारत माता के समक्ष RSS के स्वयंसेवक श्रद्धा और समर्पण के साथ नतमस्तक हैं। सिक्के पर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है: “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।” यह स्वतंत्र भारत की मुद्रा पर भारत माता की पहली छवि है, जो इसे ऐतिहासिक और गौरवमयी बनाती है।



पीएम मोदी का संबोधन


इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों के लिए यह सौभाग्य की घड़ी है कि हम संघ के शताब्दी वर्ष के साक्षी बन रहे हैं। यह केवल एक स्मृति नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।” उन्होंने याद दिलाया कि 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में भी RSS के स्वयंसेवक शामिल हुए थे और उन्होंने अदम्य राष्ट्रभक्ति का परिचय दिया था।


पीएम मोदी ने संघ की तुलना उस धारा से की, जिसके किनारे असंख्य जीवन पुष्पित-पल्लवित होते हैं। उन्होंने संघ शाखाओं को “व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी” बताया। उन्होंने कहा कि शाखा का मैदान ऐसा स्थल है, जहां एक स्वयंसेवक अहं से “वयं” तक की यात्रा करता है। संघ की यही कार्यप्रणाली “व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण” पिछले सौ वर्षों की आधारशिला रही है।


राष्ट्र निर्माण का संकल्प


पीएम मोदी ने कहा कि संघ ने सदैव एक ही ध्येय को आगे बढ़ाया है: “राष्ट्र प्रथम।” चाहे समय कितना भी कठिन रहा हो, स्वयंसेवकों ने राष्ट्र निर्माण, समाज सशक्तिकरण और एकता के लिए बलिदान दिए हैं। उन्होंने दोहराया कि संघ का लक्ष्य सदैव “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” रहा है।


RSS के शताब्दी वर्ष पर जारी स्मारक सिक्का और डाक टिकट केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय चेतना का जीवंत दस्तावेज है। भारत माता की छवि अंकित यह सिक्का आने वाली पीढ़ियों को सदैव राष्ट्रभक्ति, समर्पण और संघ की सौ वर्षीय यात्रा की याद दिलाता रहेगा।