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TCS में संभावित नौकरी कटौती: 12,000 पदों में कमी की योजना

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में संभावित नौकरी कटौती की योजना के तहत लगभग 12,000 पदों में कमी की जा सकती है। यह कदम कंपनी की रणनीतिक रियललाइनमेंट का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बदलती बाजार आवश्यकताओं के अनुसार अपने कार्यप्रणाली को अनुकूलित करना है। जानें कि यह छंटनी क्यों हो रही है और इसका कर्मचारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में बदलाव

भारत की प्रमुख आईटी सेवा प्रदाता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की संभावना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी अपनी रणनीतिक 'रियललाइनमेंट' के तहत लगभग 12,000 नौकरियों में कटौती करने की योजना बना रही है। यह कदम आईटी क्षेत्र में एक बड़ा प्रभाव डाल सकता है।


'रियललाइनमेंट' का अर्थ क्या है? 'स्ट्रेटेजिक रियललाइनमेंट' का तात्पर्य है कि कंपनी अपने व्यापारिक लक्ष्यों, प्राथमिकताओं और कार्यप्रणालियों में बदलाव कर रही है ताकि वह बदलती बाजार की आवश्यकताओं और भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सके। यह आमतौर पर तब होता है जब कंपनियां नई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, पुराने प्रोजेक्ट्स को समाप्त करती हैं, या अपनी कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाना चाहती हैं।


क्यों हो रही है छंटनी? TCS जैसी बड़ी कंपनी में इतनी बड़ी संख्या में नौकरियों में कटौती के पीछे कई कारण हो सकते हैं: ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग, जिससे कई नियमित कार्य मशीनों द्वारा किए जा सकते हैं, मानवीय श्रम की आवश्यकता को कम करता है। इसके अलावा, कंपनी अपनी कार्यप्रणाली को अधिक कुशल बनाना चाहती है, जिससे लागत में कमी और मुनाफे में वृद्धि हो सके।


नई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना: TCS संभवतः क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा जैसी नई तकनीकों पर अधिक ध्यान दे रही है, जिसके लिए अलग कौशल की आवश्यकता होती है। बाजार की मांग में बदलाव के कारण कुछ पुराने प्रोजेक्ट्स या तकनीकों की आवश्यकता कम हो रही है।


कर्मचारियों पर प्रभाव: यह खबर उन 12,000 कर्मचारियों के लिए चिंताजनक है जो इससे प्रभावित हो सकते हैं। आमतौर पर, ऐसी छंटनी में कंपनी उन कर्मचारियों को निकालने पर विचार करती है जिनकी भूमिकाएं अब कम प्रासंगिक हो गई हैं, या जिनकी प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। हालांकि, TCS जैसी कंपनियां अक्सर प्रभावित कर्मचारियों को नए कौशल सिखाने का अवसर भी देती हैं ताकि वे कंपनी के भीतर नई भूमिकाओं में समायोजित हो सकें।