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UPI के नए नियम से तुरंत मिलेगा फेल भुगतान का रिफंड

यूपीआई के नए नियम के तहत, जो 15 जुलाई 2025 से लागू होगा, उपयोगकर्ताओं को फेल लेनदेन पर तुरंत रिफंड मिलेगा। यह नियम गलत यूपीआई नंबर पर भेजे गए पैसे को भी वापस लाने की सुविधा प्रदान करेगा। पहले, उपयोगकर्ताओं को रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी। जानें इस नए नियम के लाभ और पुराने मामलों के निपटारे की प्रक्रिया के बारे में।
 

UPI के नए नियम की जानकारी

UPI New Rule: Instant refund for failed payment on UPI ID, the truth!: यूपीआई के नए नियम ने डिजिटल भुगतान करने वाले लाखों उपयोगकर्ताओं के लिए राहत की एक नई उम्मीद जगाई है। राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) 15 जुलाई 2025 से एक नया नियम लागू करने जा रहा है।


इस नियम के तहत, यदि कोई लेनदेन विफल होता है, तो उपयोगकर्ताओं को तुरंत रिफंड प्राप्त होगा। गलत यूपीआई नंबर पर भेजे गए पैसे भी आसानी से वापस मिल सकेंगे। यह कदम यूपीआई उपयोगकर्ताओं की समस्याओं को कम करने में सहायक होगा। आइए, इस नियम की विशेषताएँ, लाभ और प्रक्रिया को समझते हैं।


तुरंत रिफंड की सुविधा

तुरंत रिफंड की सुविधा UPI New Rule


नए नियम के अनुसार, यदि आपके खाते से पैसे कट गए हैं लेकिन भुगतान सफल नहीं हुआ, तो आपको तुरंत रिफंड मिलेगा। पहले, उपयोगकर्ताओं को रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। अब गलत यूपीआई नंबर (Wrong UPI ID) पर भेजे गए पैसे भी बैंक से वापस मांगे जा सकेंगे।


बैंक अब NPCI की मंजूरी के बिना कुछ चार्जबैक मामलों का निपटारा कर सकेंगे। यह प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी, जिससे उपयोगकर्ताओं को त्वरित समाधान प्राप्त होगा।


पुराने मामलों का निपटारा

पुराने मामलों का निपटारा


यूपीआई के नए नियम (UPI New Rule) पुराने खारिज रिफंड दावों (Rejected Claims) को भी राहत प्रदान करेगा। पहले, बार-बार अस्वीकृत चार्जबैक को मंजूरी के लिए NPCI को मैन्युअल याचिका देनी पड़ती थी। अब बैंक पुराने मामलों की फिर से जांच कर समाधान कर सकेंगे।


यह व्यवस्था उन उपयोगकर्ताओं के लिए वरदान साबित होगी जिनके वैध दावे तकनीकी कारणों से रुक गए थे। नई प्रक्रिया समय की बचत करेगी और उपयोगकर्ताओं का विश्वास बढ़ाएगी।


मौजूदा समस्याएं और समाधान

मौजूदा समस्याएं और समाधान


वर्तमान में, बार-बार अस्वीकृत चार्जबैक (Chargeback) को NPCI की प्रणाली ब्लॉक कर देती है, जिसे “नकारात्मक चार्जबैक दर” (Negative Chargeback Rate) कहा जाता है। बैंकों को मैन्युअल प्रक्रिया से “श्वेतसूची” में डालना पड़ता है, जो समय लेता है।


नया नियम इस जटिलता को समाप्त करेगा। चार्जबैक से उपयोगकर्ताओं को फेल लेनदेन (Failed Transaction) या धोखाधड़ी में पैसा वापस मिलेगा। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे लेनदेन के बाद रसीद की जांच करें और तुरंत शिकायत दर्ज करें।