UPI में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण: डिजिटल भुगतान को और भी सुरक्षित और सरल बनाने की पहल
बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की नई सुविधा
बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 7 अक्टूबर 2025 को उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई नई सुविधाएं पेश की हैं। इस पहल के तहत, यूपीआई लेनदेन को सुरक्षित और सरल बनाने के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण विकल्प जोड़े गए हैं। NPCI ने बताया कि इन नई सुविधाओं से उपयोगकर्ताओं को भुगतान करते समय अधिक विकल्प और सुरक्षा मिलेगी, जिससे डिजिटल भुगतान को अपनाना और भी आसान हो जाएगा।
नई बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सुविधा
इस नई सुविधा के तहत, यूपीआई ऐप जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम आदि उपयोगकर्ताओं को पारंपरिक यूपीआई पिन के बजाय फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन जैसी ऑन-डिवाइस बायोमेट्रिक तकनीक का उपयोग करने का विकल्प मिलेगा। वर्तमान में, यह सुविधा 5,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए उपलब्ध है। NPCI ने कहा कि भविष्य में इस सीमा को उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया और प्रदर्शन के आधार पर बढ़ाया या समायोजित किया जा सकता है। यह सुविधा वैकल्पिक है, जिसका मतलब है कि उपयोगकर्ता अपने पुराने यूपीआई पिन या अन्य पारंपरिक भुगतान विकल्पों का उपयोग जारी रख सकते हैं।
सुरक्षा और तकनीकी आवश्यकताएं
जेलब्रोक या रूटेड डिवाइस पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण उपलब्ध नहीं होगा। यूपीआई ऐप और PSP बैंक को ग्राहक की स्पष्ट सहमति लेने के बाद ही बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सक्षम करना होगा और किसी भी समय इसे अक्षम करने का विकल्प देना होगा। किसी भी नए डिवाइस पर लेनदेन करने से पहले ग्राहक की नई सहमति आवश्यक होगी।
बैंकों और ऐप्स के लिए निर्देश
पात्रता जांच: बायोमेट्रिक सक्षम करने से पहले ग्राहक की पात्रता और प्रमाणीकरण क्रेडेंशियल्स की पुष्टि करनी होगी।
ग्राहक संचार: बायोमेट्रिक सक्षमता और लेनदेन प्रक्रिया के दौरान ग्राहकों को सही जानकारी और निर्देश प्रदान करना आवश्यक होगा।
पिन परिवर्तन: यदि ग्राहक अपना यूपीआई पिन बदलता है या रीसेट करता है, तो बैंक को सभी ऐप्स में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को अक्षम करना होगा। तब तक लेनदेन को स्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक ग्राहक नई सहमति नहीं देता।
निष्क्रियता नियम: अगर बायोमेट्रिक पद्धति का 90 दिनों तक कोई उपयोग नहीं होता है, तो ऐप्स और बैंक इसे निष्क्रिय कर देंगे। इसे पुनः सक्रिय करने के लिए ग्राहक की पुष्टि आवश्यक होगी।
यूजर्स को मिलने वाले लाभ
इस नई पहल से यूपीआई भुगतान अधिक सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक बन जाएगा। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से उपयोगकर्ता बिना पिन डाले भुगतान कर सकेंगे, जिससे डिजिटल लेनदेन का अनुभव सहज होगा। NPCI का उद्देश्य यह भी है कि भविष्य में इस सुविधा को बड़े लेनदेन पर भी लागू किया जाए।