Vitamin B12 की कमी: लक्षण और उपचार के उपाय
Vitamin B12 की कमी के लक्षण
नई दिल्ली: आजकल युवा और मध्य आयु वर्ग के लोग भूलने की समस्या, मानसिक थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। कई लोग इसे तनाव या उम्र बढ़ने का प्रभाव मानते हैं, लेकिन असली कारण शरीर में Vitamin B12 की कमी हो सकता है। यह विटामिन नर्व फंक्शन को मजबूत बनाता है, इसलिए इसकी कमी का सबसे अधिक प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, B12 की कमी धीरे-धीरे विकसित होती है और शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य प्रतीत होते हैं।
हालांकि, यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह मेमोरी लॉस, मूड स्विंग, कमजोरी और यहां तक कि नर्व डैमेज का कारण बन सकता है। इसलिए, शरीर में इस विटामिन के स्तर को समझना और सही आहार का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
Vitamin B12 का मस्तिष्क पर प्रभाव
दिमाग पर क्यों असर डालता है Vitamin B12
Vitamin B12 मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है और नर्व्स को प्रोटेक्ट करने वाली परत मायेलिन बनाने में मदद करता है। जब इसकी कमी होती है, तो नर्व सिग्नल धीमे हो जाते हैं। यही कारण है कि व्यक्ति को भूलने, भ्रमित होने और ध्यान केंद्रित न कर पाने जैसी समस्याएं होती हैं। कई बार लोग इसे ओवरथिंकिंग या थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
कमी के शुरुआती संकेत
कमी के शुरुआती संकेत जरूर पहचानें
B12 की कमी के प्रारंभिक संकेतों में लगातार थकान, चक्कर आना, पैरों में झुनझुनी, चिड़चिड़ापन और मानसिक धुंधलापन शामिल हैं। कुछ व्यक्तियों में दिल की धड़कन तेज होना और त्वचा का पीला होना भी देखा जाता है। ये लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं, इसलिए समय पर ब्लड टेस्ट कराना आवश्यक है।
किसे है अधिक जोखिम
किन लोगों में ज्यादा होती है कमी
शाकाहारी लोग, गर्भवती महिलाएं, वृद्ध, लंबे समय से एंटी-एसिड दवाएं लेने वाले या पेट संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोग Vitamin B12 की कमी के अधिक जोखिम में होते हैं। चूंकि B12 मुख्य रूप से पशु आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, इसलिए शाकाहारी आहार लेने वालों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
आहार से B12 की पूर्ति
आहार से कैसे पूरा करें Vitamin B12
B12 की कमी को पूरा करने के लिए दूध, पनीर, दही, अंडे, मछली और चिकन जैसे खाद्य पदार्थ बहुत फायदेमंद होते हैं। शाकाहारी लोग फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ जैसे फोर्टिफाइड अनाज, सोया दूध और प्लांट-बेस्ड ड्रिंक्स का सेवन कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर सप्लीमेंट भी सुझा सकते हैं।
मेडिकल इलाज की आवश्यकता
कब जरूरी हो जाता है मेडिकल इलाज
यदि लंबे समय तक थकान, मेमोरी लॉस या हाथ-पैर में सुन्नता जैसे लक्षण बने रहें, तो डॉक्टर से जांच कराना आवश्यक है। कभी-कभी शरीर भोजन से B12 अवशोषित नहीं कर पाता, ऐसे मामलों में इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है। समय पर इलाज न होने पर नर्व डैमेज स्थायी हो सकता है।