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World Lung Cancer Day: भारत में फेफड़ों के कैंसर के बढ़ते मामलों के कारण

हर साल 1 अगस्त को विश्व फेफड़ों कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना है। भारत में फेफड़ों के कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसका मुख्य कारण जीवनशैली, धूम्रपान, और प्रदूषण है। विशेषज्ञों का कहना है कि लक्षणों की पहचान में कमी और देर से निदान भी इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। इस लेख में हम फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती संकेत, अंतिम चरण के लक्षण और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।
 

विश्व फेफड़ों कैंसर दिवस

World Lung Cancer Day: हर वर्ष 1 अगस्त को विश्व फेफड़ों कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2012 में हुई थी। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके उपचार के विकल्पों पर चर्चा करना है। इस वर्ष की थीम है 'एक साथ मजबूत: फेफड़ों के कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए एकजुट' (Stronger Together: United for Lung Cancer Awareness)।


भारत में कैंसर की स्थिति

क्या आप जानते हैं कि भारत में कैंसर तेजी से फैल रहा है? डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर जैसे रोगों की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण जीवनशैली और पर्यावरण है। फेफड़ों का कैंसर हाल के वर्षों में काफी बढ़ गया है, जिसका मुख्य कारण खराब पर्यावरण और हमारी जीवनशैली है। मैक्स हेल्थकेयर के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी के अनुसार, भारत में फेफड़ों के कैंसर के प्रति जागरूकता की कमी एक बड़ी समस्या है, जो इसके रोकथाम में बाधा डालती है।


बीमारी के बढ़ने के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, फेफड़ों के कैंसर के मामलों में वृद्धि के कई कारण हैं:


लक्षणों की पहचान में कमी: अधिकांश लोग लगातार खांसी, सीने में दर्द और सांस फूलने जैसी समस्याओं को पहचान नहीं पाते, जो इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण हैं। इस कारण से, इलाज में देरी होती है।


धूम्रपान और तंबाकू का सेवन: भारत के कई हिस्सों में बीड़ी, हुक्का और गुटखा का सेवन सामान्य है। युवा वर्ग में सिगरेट और आधुनिक हुक्का पीने का चलन बढ़ रहा है, जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है।


देर से निदान: भारत में कैंसर की स्क्रीनिंग हो रही है, लेकिन फेफड़ों के कैंसर के लिए नियमित स्क्रीनिंग कार्यक्रम नहीं होते। इससे बीमारी का पता तब चलता है जब यह फैल चुकी होती है।


गलतफहमियां: फेफड़ों के कैंसर को अक्सर धूम्रपान करने वालों की बीमारी माना जाता है, जबकि इसके पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं।


प्रदूषण: प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। PM2.5, औद्योगिक उत्सर्जन और घरेलू धुआं भी इसके कारण बनते हैं।


लंग कैंसर के शुरुआती संकेत


  • लगातार खांसी होना।

  • खांसी में कफ या खून आना।

  • सीने में दर्द होना।

  • गहरी सांस लेने में कठिनाई।

  • आवाज में बदलाव।

  • कमजोरी और थकान महसूस करना।

  • निमोनिया बार-बार होना।


लंग कैंसर के अंतिम चरण में लक्षण


  • गर्दन में गांठें।

  • हड्डियों और पसलियों में दर्द।

  • सिरदर्द।

  • चक्कर आना।

  • शरीर का संतुलन खोना।

  • हाथ-पैर में सुन्नपन।


बचाव के उपाय


  • सिगरेट और शराब से दूर रहें।

  • प्रदूषण से बचें और मास्क का उपयोग करें।

  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं, विशेषकर उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए।

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और संतुलित आहार लें।