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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: PCOD के लिए फायदेमंद 5 योगासन

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर, जानें कैसे कुछ विशेष योगासन PCOD जैसी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं। लखनऊ के योग विशेषज्ञ वैशाली सिंह ने तितली आसन, भुजंगासन, धनुरासन, मलासन और बद्धकोणासन के फायदों के बारे में बताया है। ये आसन न केवल हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं, बल्कि पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को भी कम करते हैं। इस लेख में इन योगासनों के लाभ और अभ्यास विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025

हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग हमारे मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। नियमित योगाभ्यास से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए योग के कई फायदे हैं। PCOD, जिसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहा जाता है, एक ऐसी समस्या है जो अक्सर महिलाओं को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर 20 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में देखा जाता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए कुछ विशेष योगासन को अपने दैनिक रुटीन में शामिल किया जा सकता है। लखनऊ के योगवशी योगा इंस्टीट्यूट की विशेषज्ञ वैशाली सिंह ने इस संदर्भ में कुछ योगासन सुझाए हैं।


तितली आसन

विशेषज्ञ के अनुसार, यदि आप PCOD से परेशान हैं, तो तितली आसन करना फायदेमंद हो सकता है। यह आसन आपके लविक और थाई क्षेत्र में दबाव बढ़ाता है, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है। इससे पीरियड्स से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है और हार्मोनल संतुलन भी बना रहता है।


भुजंगासन

PCOD के कारण पेट की चर्बी बढ़ने की समस्या हो सकती है। इसे कम करने के लिए भुजंगासन का अभ्यास करें। इसे नियमित रूप से करने से तनाव कम होता है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। भुजंगासन से पेट पर दबाव कम होता है, जिससे एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्याओं से राहत मिलती है।


धनुरासन

यदि आप प्रतिदिन धनुरासन करते हैं, तो यह PCOD में हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है। यह आसन प्रजनन अंगों को मजबूत करता है और पीरियड्स के चक्र को नियमित करने में सहायक होता है। इसके अलावा, यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाए रखता है।


मलासन

मलासन करने से कई समस्याएं दूर होती हैं, विशेषकर PCOD से। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पेल्विक क्षेत्र पर दबाव पड़ता है, जिससे पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं। यह पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है।


बद्धकोणासन

महिलाएं यदि अपने दैनिक रुटीन में बद्धकोणासन को शामिल करती हैं, तो इससे पेल्विक क्षेत्र खुलता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं को भी कम करता है और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाता है।


विशेषज्ञ की सलाह

उपरोक्त जानकारी को अपनाने से पहले विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।