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अंतरिक्ष से धरती पर वीडियो कॉल: बिना मोबाइल नेटवर्क कैसे संभव है?

क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष से धरती पर बिना मोबाइल नेटवर्क के वीडियो कॉल कैसे होती है? यह एक जटिल प्रक्रिया है जो NASA की उन्नत तकनीक पर निर्भर करती है। हाल ही में, एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की, जिसने इस विषय को फिर से चर्चा में ला दिया। जानें कि कैसे विशाल एंटीना और रिले सैटेलाइट्स इस संचार को संभव बनाते हैं और भविष्य में लेजर तकनीक का क्या योगदान हो सकता है।
 

अंतरिक्ष में मोबाइल नेटवर्क की कमी


अंतरिक्ष से धरती पर वीडियो कॉल कैसे होती है?
अंतरिक्ष में मोबाइल नेटवर्क की अनुपस्थिति एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। वहां हवा नहीं होने के कारण वैक्यूम बनता है, जिससे मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर सकता। इंटरनेट के तार या वाई-फाई जैसी सुविधाएं भी वहां उपलब्ध नहीं हैं।


इसके बावजूद, वैज्ञानिक धरती से संपर्क में रहते हैं। हाल ही में एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की, जिसने इस विषय को फिर से चर्चा में ला दिया है। यह सब विज्ञान और उन्नत तकनीक की मदद से संभव हुआ है।


NASA का संचार प्रणाली

NASA का ‘स्पेस कम्युनिकेशन एंड नेविगेशन सिस्टम’


NASA का ‘स्पेस कम्युनिकेशन एंड नेविगेशन सिस्टम’ (SCaN) इस प्रक्रिया का मुख्य आधार है। यह प्रणाली संदेशों को कोड में बदलकर ट्रांसमिट करती है, जो फिर रिसीवर तक पहुंचता है और अंत में ऑडियो या वीडियो फॉर्म में डिकोड होता है।


विशाल एंटीना का नेटवर्क

एंटीना


स्पेस स्टेशन और धरती के बीच संपर्क बनाए रखने के लिए NASA ने सभी महाद्वीपों पर विशाल एंटीना स्थापित किए हैं। इनकी लंबाई लगभग 230 फुट है, और ये 200 करोड़ मील की दूरी तक सिग्नल भेजने और रिसीव करने में सक्षम हैं।


भविष्य की तकनीक

रेडियो वेव्स से लेजर तकनीक


वर्तमान में, NASA रेडियोवेव्स के माध्यम से संचार करता है। लेकिन भविष्य में, एजेंसी लेजर आधारित इन्फ्रारेड तकनीक पर काम कर रही है, जिससे डेटा ट्रांसमिशन और भी तेज और सटीक हो जाएगा।


रिले सैटेलाइट्स की भूमिका

रिले सैटेलाइट्स


NASA के पास कई रिले सैटेलाइट्स हैं जो स्पेस स्टेशन और ग्राउंड स्टेशन के बीच संपर्क बनाए रखते हैं। ये सैटेलाइट्स संदेशों को इंटरसेप्ट कर आगे बढ़ाते हैं, जिससे निरंतर संपर्क संभव होता है।