अखरोट का सेवन: टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने का उपाय
मधुमेह और अखरोट का संबंध
हेल्थ कार्नर :- मधुमेह का संबंध अक्सर मीठी चीजों के सेवन से होता है, लेकिन यह आनुवांशिक कारणों से भी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में फैल सकता है। डॉक्टर आमतौर पर मीठी चीजों से परहेज करने की सलाह देते हैं। यदि मधुमेह का स्तर एक निश्चित सीमा से अधिक बढ़ जाता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। हाल ही में एक अध्ययन में यह सामने आया है कि अखरोट का सेवन करने वाले वयस्कों में टाइप 2 मधुमेह का खतरा उन लोगों की तुलना में कम होता है, जो इसका सेवन नहीं करते।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस ऐंजिलिस के शोधकर्ताओं ने पाया कि लगभग तीन चम्मच अखरोट का सेवन टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को 47 प्रतिशत तक कम कर सकता है। यह मात्रा उस सिफारिश के करीब है, जिसमें 28 ग्राम या चार चम्मच अखरोट लेने की सलाह दी गई है। यह अध्ययन एक जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें अमेरिका की एक बड़ी जनसंख्या के नमूने शामिल किए गए थे।
इस अध्ययन में 18 से 85 वर्ष की आयु के 34,121 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस ऐंजिलिस की लेनोरे अराब ने कहा कि यह अध्ययन मधुमेह के जोखिम को कम करने में आहार की भूमिका को और अधिक स्पष्ट करता है। उन्होंने बताया कि अखरोट के सेवन और मधुमेह के खतरे में कमी के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया है। अन्य शोधों से यह भी पता चला है कि अखरोट दिल की सेहत के लिए भी लाभकारी होता है।