अपने शरीर को डस्टबिन न बनाएं: स्वास्थ्य संकेतों को समझें
क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर के संकेत क्या कहते हैं? यह लेख आपको बताएगा कि कैसे आपके शरीर में जमा होने वाला कचरा आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। जानें पेट की समस्याएं, वजन बढ़ने के संकेत और अन्य स्वास्थ्य संबंधी उपाय। सही आहार और जीवनशैली अपनाकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
Sep 22, 2025, 07:31 IST
स्वास्थ्य संकेतों की पहचान
स्वास्थ्य कार्नर: जब भी शरीर में कोई समस्या होती है, वह हमें संकेत देता है। सोचिए, अगर आप एक छोटे से कमरे में रहते हैं और रोजाना एक किलो कचरा फैलाते हैं, तो क्या होगा जब वह कचरा एक हफ्ते, एक महीने या एक साल तक जमा होता रहे?
अब इस कमरे की जगह अपने शरीर को रखकर सोचें। हमारे द्वारा खाए गए भोजन का लगभग 30 प्रतिशत मल-मूत्र के रूप में बाहर निकलता है। हर 1000 ग्राम भोजन पर लगभग 10 ग्राम अपशिष्ट शरीर में जमा होता है। यदि हम अनुमान लगाएं, तो महीने में 30 ग्राम और सालभर में लगभग 3 किलो कचरा शरीर में रह जाता है। यदि ये विषैले तत्व शरीर में बने रहें, तो यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
आहार विशेषज्ञ डॉ. जेएस पाटिल का कहना है कि लोग चाय, कॉफी, सोडा या चॉकलेट जैसी चीजों से खुद को ऊर्जावान बनाने की कोशिश में अधिक नुकसान कर लेते हैं और तनाव में रहते हैं।
पेट की समस्याएं
पेट से परेशान रहना:
पेट में गैस, अपच, जलन, दर्द, उल्टी-दस्त जैसे लक्षण बताते हैं कि शरीर में जो कचरा बन रहा है, वह बाहर नहीं निकल रहा है। आहार और आदतों के कारण यह कचरा जमा होकर विष बनता जा रहा है।
उपाय: पेट सभी बीमारियों की जड़ है। बेहतर आहार की आदतें अपनाएं, खासकर रात का भोजन हल्का रखें।
वजन में वृद्धि
बढ़ता वजन:
वजन बढ़ना भी शरीर में विषैला कचरा जमा होने का संकेत है। अनहैल्दी खाने की आदतें इस समस्या को बढ़ाती हैं। ऐसे लोग अधिक खाते हैं लेकिन कम कैलोरी खर्च करते हैं, जिससे शरीर में चर्बी जमा होती है।
बार-बार भूख लगना
बार-बार भूख लगना:
कई बार लोग भूख न लगने की समस्या समझते हैं, लेकिन असल में यह शरीर में जमा गंदगी का संकेत है। ऐसे लोग अक्सर जंक फूड और मीठी चीजों के प्रति आकर्षित होते हैं।
उपाय: अपने आहार के बारे में जागरूक रहें और डाइटिशियन से सलाह लेकर एक डाइट चार्ट बनवाएं।
स्वास्थ्य के लिए अन्य उपाय
कुछ अन्य उपाय:
ना कहना सीखें: कृत्रिम रसायनों से बनी चीजों को।
मेडिटेशन करें: मन को शांति मिलेगी।
बातें करें या लिखें: अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए।
ग्रीन टी पिएं: दूध की चाय की बजाय ग्रीन टी को प्राथमिकता दें।
30 मिनट सेहत के नाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
बुरी आदतों से तौबा करें: सिगरेट, शराब और रिफाइंड शुगर से बचें।
लिवर और किडनी का ख्याल रखें: मौसमी फल, नींबू, अदरक, दही और छाछ का सेवन करें।
रेशों की मात्रा बढ़ाएं: फाइबर युक्त फल और सब्जियां अपने आहार में शामिल करें।