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अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की पुष्टि

शनिवार को अमेरिका ने ईरान के इस्फहान, नतांज और फोर्डो में स्थित परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिससे ये पूरी तरह से नष्ट हो गए। ईरान की सरकारी मीडिया ने इस हमले की पुष्टि की है, जबकि ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। ईरान ने इस हमले के बाद अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने की चेतावनी दी है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और ईरान की प्रतिक्रिया।
 

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले

ईरान अमेरिका हमले: शनिवार को अमेरिका ने ईरान के इस्फहान, नतांज और फोर्डो में स्थित परमाणु स्थलों पर हमला किया, जिससे ये पूरी तरह से नष्ट हो गए। हालांकि, इस घटना की आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि इन ठिकानों को पहले ही खाली कर दिया गया था।


ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, इस्फहान के गवर्नर के सलाहकार अकबर सालेही ने कहा कि 'कई स्थानीय निवासियों ने इस्फहान और नतांज के निकट हमलों को देखा और कई धमाकों की आवाजें भी सुनीं।'


परमाणु तकनीक पर प्रभाव नहीं


ईरान के सरकारी टीवी ने कहा, 'ट्रंप केवल धमकियां देते हैं। वास्तविक नुकसान का आकलन किया जा रहा है, लेकिन बमबारी से इस्लामिक रिपब्लिक की परमाणु शक्ति को समाप्त नहीं किया जा सकता।'


ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था ने अमेरिकी हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। संस्था ने एक बयान में कहा, 'हाल के दिनों में ज़ायोनिस्ट दुश्मन द्वारा किए गए क्रूर हमलों के बाद, आज सुबह फोर्डो, नतांज और इस्फहान में ईरानी परमाणु ठिकानों पर बर्बर हमला किया गया। यह कार्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन है।'


अमेरिकी नागरिकों पर खतरा


'यह हमला अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ है और यह दुखद है कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की चुप्पी या मिलीभगत के बीच यह हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति के सोशल मीडिया पर बयान से स्पष्ट है कि अमेरिका ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। वैश्विक समुदाय से अपेक्षा है कि वह इस जंगल के कानून जैसी कार्रवाई की निंदा करे और ईरान के वैध अधिकारों का समर्थन करे।'


हमले के बाद ईरानी राज्य मीडिया में प्रसारित एक कार्यक्रम में एक प्रस्तोता ने कहा, 'अब क्षेत्र में हर अमेरिकी नागरिक और सैनिक वैध निशाना है। 'जंग की शुरुआत हो चुकी है मिस्टर ट्रंप! अब आप शांति की बात कर रहे हैं? हम आपको ऐसी भाषा में जवाब देंगे जो आपकी लापरवाही का अर्थ समझा दे।'