अल्जाइमर: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
अल्जाइमर की गंभीरता
अल्जाइमर एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त, दैनिक कार्यों और सोचने की क्षमता धीरे-धीरे प्रभावित होती है। यह डिमेंशिया का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। यदि इस बीमारी का समय पर उपचार नहीं किया गया, तो व्यक्ति की याददाश्त पूरी तरह से खो सकती है, जिससे दैनिक कार्यों में भी कठिनाई हो सकती है।
डिमेंशिया का बढ़ता खतरा
वर्तमान में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग 55 मिलियन लोग डिमेंशिया से प्रभावित हैं, जिनमें से अधिकांश अल्जाइमर से ग्रसित हैं। अनुमान है कि 2030 तक यह संख्या 78 मिलियन और 2050 तक 139 मिलियन तक पहुंच सकती है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि यह बीमारी भविष्य में एक वैश्विक संकट बन सकती है। आमतौर पर यह बीमारी बुजुर्गों में देखी जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह युवा लोगों को भी प्रभावित कर सकती है।
अल्जाइमर के लक्षण
विशेषज्ञों के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अल्जाइमर का खतरा अधिक होता है। मानसिक तनाव, आनुवंशिक कारक, और हृदय एवं मस्तिष्क की स्वास्थ्य समस्याएं इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। इसके प्रारंभिक लक्षणों में परिचित स्थानों पर रास्ता भटकना, चीजें भूलना, सामान्य शब्दों को भूलना और बार-बार एक ही सवाल पूछना शामिल हैं। यदि समय पर पहचान नहीं की गई, तो मरीज को तर्क करने, सामान्य बातचीत करने और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है।
गंभीर स्थिति के संकेत
अल्जाइमर की गंभीर अवस्था में, मरीज अपने परिवार और दोस्तों को पहचानने में असमर्थ हो सकता है। मूड में बदलाव, नींद की समस्याएं, अवसाद और चिड़चिड़ापन भी इस बीमारी के संकेत हो सकते हैं। यह एक प्रगतिशील बीमारी है, जो समय के साथ मरीज के दैनिक कार्यों को प्रभावित करती है, और अंततः व्यक्ति को पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है।
बचाव के उपाय
अपने मस्तिष्क को सक्रिय रखने के लिए नियमित गतिविधियों में भाग लें।
रोजाना योग और व्यायाम करें।
स्वस्थ आहार लें, जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और सब्जियों का समावेश हो।
ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराते रहें।
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
पर्याप्त नींद लें और तनाव को कम करने का प्रयास करें।
यदि परिवार में इस बीमारी का इतिहास है, तो नियमित चिकित्सा जांच कराते रहें।