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अहमदाबाद विमान दुर्घटना: परिवार की खुशियाँ पल में छिन गईं

गुजरात के वसाद कस्बे से लंदन जा रहे एक परिवार की विमान दुर्घटना में दुखद कहानी सामने आई है। राजनी पटेल और उनकी पत्नी दिव्याबेन अपनी बेटी ध्वनि की ग्रेजुएशन समारोह में शामिल होने के लिए उत्सुक थे, लेकिन एक पल में उनकी खुशियाँ पलट गईं। इस हादसे में परिवार के कई सदस्य जान गंवा बैठे। जानें इस त्रासदी के पीछे की कहानी और प्रभावित परिवारों के अनुभव।
 

अहमदाबाद विमान दुर्घटना

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: गुजरात के वसाद कस्बे से लंदन की यात्रा पर निकले राजनी पटेल (51) और उनकी पत्नी दिव्याबेन (47) अपनी बेटी ध्वनि पटेल की ग्रेजुएशन समारोह को देखने के लिए बेहद उत्सुक थे। 21 वर्षीय ध्वनि मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी, लंदन से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थीं और 23 जून को होने वाले कनवोकेशन में अपने माता-पिता को देखने का सपना देख रही थीं।


परिवार ने पहले 20 जून की टिकट बुक की थी, लेकिन अपनी बेटी के साथ अधिक समय बिताने की इच्छा में उन्होंने यात्रा की तारीख को पहले 16 जून और फिर 12 जून कर दिया। इस खास अवसर के लिए उन्होंने ध्वनि के लिए पारंपरिक गुजराती स्नैक्स, एक नई घड़ी और जूते भी साथ ले जाने का निर्णय लिया।


किस्मत ने दिया करारा झटका


लेकिन 12 जून को जब वे अहमदाबाद से लंदन जाने के लिए एयर इंडिया की ड्रीमलाइनर फ्लाइट में सवार हुए, तो किस्मत ने उन्हें एक बड़ा झटका दिया। विमान टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें केवल एक व्यक्ति ही बच पाया। इस भयानक हादसे में ध्वनि के माता-पिता और उनकी 57 वर्षीय मौसी हेमांगी पटेल की भी जान चली गई।


'वे मेरे प्लेसमेंट इंटरव्यू से पहले आना चाहते थे'


ध्वनि ने कहा, 'वे मेरे प्लेसमेंट इंटरव्यू से पहले कुछ दिन मेरे साथ बिताना चाहते थे। मैंने उन्हें बताया था कि इस समय लंदन का मौसम भी अच्छा रहता है, घूमने का भी मौका मिलेगा।' लेकिन उनकी सारी खुशियाँ एक पल में समाप्त हो गईं। जब ध्वनि को इस दुर्घटना की सूचना मिली, तो वह तुरंत भारत के लिए रवाना हुईं, लेकिन इजराइल-ईरान संघर्ष के कारण उनकी फ्लाइट को ऑस्ट्रिया, फिर मिलान और अंततः यूके वापस भेजा गया। अंततः वह 14 जून को अहमदाबाद पहुंच पाईं।


राजकोट की ग्रेसी सगपरिया


इसी तरह का दुखद अनुभव अहमदाबाद के 22 वर्षीय प्रतम नंदा और राजकोट की ग्रेसी सगपरिया के लिए भी रहा। प्रतम, जो नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हो रहे थे, अपने माता-पिता और 18 वर्षीय छोटे भाई प्रयाश को खो चुके हैं। उनके पिता प्रमुख नंदा, जो गुजरात के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में एक बड़ा नाम थे, और उनकी मां नेहा, प्रतम की दीक्षांत समारोह के साथ-साथ प्रयाश के लिए विश्वविद्यालयों को देखने का कार्यक्रम बना रहे थे। लेकिन 12 जून को उनकी उड़ान ने तीनों की जिंदगी छीन ली।


ग्रेसी, जो यूनिवर्सिटी फॉर द क्रिएटिव आर्ट्स, एप्सम से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं, अपने पिता नरसिंहभाई सगपरिया के साथ पहली बार विदेश यात्रा पर जाने के लिए बेहद उत्साहित थीं। लेकिन ऐन मौके पर उनकी मां का वीजा कैंसिल हो गया। ग्रेसी ने अपने पिता को अकेले भेजने के लिए मनाया, यह सोचकर कि यह पल फिर कभी नहीं लौटेगा। लेकिन अब उनके पास केवल पछतावा ही रह गया है।